उज्जैन। कोरोना के मामले में भले ही स्वास्थ्य विभाग फेल हो रहा है लेकिन यहां कुर्सी का जो खेल चल रहा है वह अजब गजब है। महामारी के दौर में उज्जैन रेड जोन पर है लेकिन यहां पर सरकार के आदेशों का कैसे पालन हो रहा है ? इसकी रिपोर्ट देखिए।
धार्मिक नगरी कोरोना के मामले में ग्रीन से रेड जोन में पहुंच गई है, यह बात तो सभी लोग जानते हैं लेकिन यहां कुर्सी का जो खेल चल रहा है उसके बारे में भी जानना जरूरी है। जैसा कि सबको पता है स्वास्थ्य विभाग में बदलाव हुआ है। यहां पर वर्तमान सीएमएचओ डॉ अनसुईया गवली को पदोन्नत करते हुए ज्वाइन डायरेक्टर के पद पर पदस्थ कर दिया गया है । उनके स्थान पर नीमच के डॉक्टर एम एल मालवीय को सीएमएचओ बनाया गया है। इसी प्रकार सिविल सर्जन के पद पर पीएन मालवीय को हटाकर डाक्टर राजू निदारिया को जिम्मेदारी सौंपी गई है । स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा के द्वारा अनुमोदन के बाद राज्य सरकार की ओर से आदेश जारी हुआ है । यहां तक भी सब कुछ ठीक है लेकिन अब इस विकराल परिस्थिति में दोनों अधिकारियों ने उज्जैन के स्वास्थ्य विभाग में अपनी जोइनिंग तो दे दी मगर उन्हें समाचार लिखे जाने तक चार्ज नहीं मिल पाया। जब अधिकारियों को चार्ज ही नहीं मिल पाएगा तो वह काम कैसे करेंगे ? इसके पीछे कई कारण सामने आ रहे हैं। मतलब साफ है कि सरकार भले ही कोई भी आदेश जारी कर दे लेकिन अधिकारी अपने हिसाब से ही फैसला करेंगे । दूसरी तरफ सीएमएचओ के मामले में यह जानकारी लगी है कि डॉक्टर मालवीय नीमच देर शाम उज्जैन पहुंचे और उनकी मुलाकात वर्तमान सीएमएचओ से नहीं हो पाई यही वजह रही कि सीएमएचओ का चार्ज अदला-बदली नहीं हो पाया। कारण कुछ भी रहा हो लेकिन वर्तमान परिस्थिति में कुर्सी का जो खेल चल रहा है वह उज्जैन वालों को भारी पड़ सकता है। इस पूरे मामले को जब तक प्रशासनिक अधिकारी संज्ञान में नहीं लेंगे तब तक उलझन जारी रहेगी।