उज्जैन। जिले के एक विधायक का कहना है कि अब वे इलाज करेंगे लेकिन उनके इलाज का तरीका जरा दूसरा रहेगा। विधायक भी आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज की अव्यवस्थाओं से खासे दुखी और परेशान है । उनका कहना है कि आखिर क्या मजबूरी है जो मेडिकल कॉलेज के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पा रही है ?
उल्लेखनीय है कि बड़नगर के कांग्रेस विधायक मुरली मोरवाल को आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज की कोरोना टेस्टिंग रिपोर्ट में संभावित पॉजिटिव बताया गया था। इसके अलावा उनके बेटे शिवम को भी संभावित पॉजिटिव करार दिया गया था। इस खबर के बाद इस रिपोर्ट के बाद विधायक मुरली मोरवाल ने वीडियो जारी कर कहा था कि उन्हें आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज पर रत्ती भर भी भरोसा नहीं है, इसलिए वे अपना इलाज इंदौर में करवाएंगे। विधायक मुरली मोरवाल सीधे गाड़ी से पुत्र सहित इंदौर पहुंचे और वहां दो जगह सैंपल दिए। एक सैंपल अहमदाबाद की लैब में टेस्ट हुआ जबकि दूसरा सैंपल इंदौर में ही टेस्ट किया गया। दोनों ही सैंपल में मुरली मोरवाल और उनके पुत्र शिवम की रिपोर्ट साफ तौर पर निगेटिव आई है। विधायक मुरली मोरवाल ने बताया कि एक जनप्रतिनिधि के साथ जब आरडी गार्डी का ऐसा व्यवहार है तो फिर आम लोगों का भगवान ही मालिक है। उन्होंने यह भी कहा कि बड़नगर सहित अन्य क्षेत्र के मरीजों की भी लगातार शिकायत आ रही है। आरडी गार्डी की लापरवाही के कारण कई लोगों की जान चली गई है ।इसके बावजूद मेडिकल कॉलेज पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है । पूर्व कलेक्टर शशांक मिश्र ने एक नोटिस भी जारी किया था । इस नोटिस का क्या हुआ ? किसी को पता नहीं है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ सहित आला नेताओं से चर्चा हो गई है। अब कांग्रेस के विधायक और वे खुद आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज का इलाज करेंगे ताकि आम लोगों की जान को बचाया जा सके उन्होंने कहा कि कोरोना जैसे गंभीर मामले में भी आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज लापरवाही बरत रहा है। यहां की टेस्टिंग रिपोर्ट भी संदिग्ध होने के आरोप सामने आ रहे है।
ऐसा नहीं है कि मेडिकल कॉलेज की अव्यवस्थाओं को लेकर केवल कांग्रेस के विधायक नाराज हैं बल्कि भारतीय जनता पार्टी के सांसद अनिल फिरोजिया भी अपना आक्रोश व्यक्त कर चुके हैं। इसके अलावा अन्य जनप्रतिनिधि भी मेडिकल कॉलेज की अव्यवस्थाओं को लेकर चिंतित है ।अब कोरोना के लिए इंदौर के अरविंदो अस्पताल में भी सौ बेड आरक्षित करवा दिए गए हैं मगर सवाल यह उठ रहा है कि आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज की व्यवस्थाएं कब सुधरेगी ? उज्जैन में कोरोना पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा दोहरा शतक लगाने को बेताब है जबकि मरने वालों की संख्या अर्धशतक के आसपास पहुंचने वाली है। गौरतलब है कि बुधवार तक 198 सामने आ चुके हैं जबकि मरने वालों की संख्या 42 हो गई है । मृत्यु दर का आंकड़ा 21% के आसपास ही है।
उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह पदभार ग्रहण करने के बाद से ही दिन रात स्वास्थ्य व्यवस्था सुधारने में जुटे हुए हैं। वे मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों की बैठक भी ले चुके हैं । इसके अलावा अन्य संभव इंतजाम भी कर रहे हैं। उन्होंने अब उज्जैन में टोटल लाॅक डाउन का आदेश भी दे दिए हैं। सभी प्रकार के पास और अनुमति अभी कैंसिल कर दी गई है। उन्होंने पहले ही संकेत दिए थे कि अब लाॅक डाउन का सख्ती से पालन कराया जाएगा। गुरुवार से इसका असर भी देखने को मिलेगा।