उज्जैन में गजब का कमाल कर गई एसपी और कलेक्टर की ये जोड़ियां !

उज्जैन।  उज्जैन में पिछले 4 सालों में एसपी और कलेक्टर की जोड़ियों ने कमाल दिखाया है वह गजब का है। उज्जैन के विकास में भी इन आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की भूमिका पर सराहनीय रही है । देखिए पूरी रिपोर्ट।

कलेक्टर संकेत भौंडवे और एसपी मनोहर सिंह वर्मा-

सिंहस्थ महापर्व के बाद आईएएस अधिकारी संकेत भोंडवे को उज्जैन कलेक्टर बनाकर भेजा गया था। इस दौरान उज्जैन में एसपी की कमान मनोहर सिंह वर्मा ने संभाल रखी थी। उज्जैन कलेक्टर रह चुके आईएएस अधिकारी संकेत भोंडवे ने यहां पर खूब नाम कमाया । उन्होंने सिंहस्थ की धरोहर संभालने से लेकर उज्जैन को मैरिज डेस्टिनेशन के रूप में पहचान दिलवाई। इतना ही नहीं आनंदक सहित अन्य कई समाजसेवी संगठनों को भी सक्रिय किया, जो आज तक कार्य कर रहे हैं। उज्जैन के कलेक्टर रह चुके आईएएस अधिकारी संकेत भोंडवे ने अपनी अलग ही पहचान बना रखी थी । उनका नेटवर्क इतना जबरदस्त था कि वे कई मामलों में तो पुलिस की भी मदद करते रहे। उनके कार्यकाल में ही उज्जैन में दिव्यांगों का पहला सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित किया गया। दिव्यांगों को लेकर संकेत भोंडवे ने कई ऐसे कदम उठाए इसके बाद सामाजिक न्याय मंत्रालय भी सक्रिय हुआ । उनके साथ काम कर चुके आईपीएस अधिकारी मनोहर सिंह वर्मा ने भी सफलतापूर्वक अपराध घटाने में काफी योगदान दिया। उन्होंने सरलता से सख्ती की ओर मुस्कुराते हुए कार्य किए। इसके बाद कलेक्टर संकेत भोंडवे को उज्जैन एसपी के रूप में सचिन कुमार अतुलकर के साथ काम करने का अवसर मिला । एसपी और कलेक्टर की जोड़ी ने उज्जैन में कार्रवाई भी की लेकिन किसी प्रकार का कोई असंतोष सामने नहीं आया। दोनों अधिकारियों की जोड़ी ने खूब कमाल दिखाया। आईएएस अधिकारी संकेत भोंडवे की काबिलियत को देखते हुए केंद्र सरकार ने उन्हें प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली बुलवा लिया वर्तमान में वे परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का पूरा काम देख रहे हैं । हालांकि उज्जैन के प्रति उनका लगाव अभी भी कम नहीं हुआ है। यही वजह है कि परिवहन विभाग की कई योजनाओं में उन्होंने उज्जैन को लाभ दिलवाया है ।।उनके कार्यकाल में उज्जैन में नगर निगम आयुक्त के पद पर आईएएस आशीष सिंह कार्य कर चुके हैं। सबसे खास बात यह रही थी दोनों अधिकारियों के मीडिया से बेहद नजदीकी संबंध रहे । उज्जैन से लगातार जुड़ाव की वजह से अधिकारियों का कार्यकाल स्वर्णिम रहा।

कलेक्टर मनीष सिंह और एसपी सचिनकुमार अतुलकर-

 उज्जैन कलेक्टर के रूप में  कार्य कर चुके दबंग आईएएस अफसर मनीष सिंह को किसी पहचान की जरूरत नहीं है । हालांकि उज्जैन में श्री सिंह को काम करने का ज्यादा मौका नहीं मिला। उनकी सख्ती और उनकी काम करने की निष्पक्ष शैली ने ही उनका राजनीतिक हलकों में विरोध पैदा कर दिया। दरअसल मनीष सिंह ऐसे अफसर है जो न्याय के पैमाने पर वीआईपी और आम लोगों को एक ही तराजू में तोलते हैं । यही बात कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को पसंद नहीं आई थी जिसके बाद उन्हें उज्जैन से हटा दिया गया। हालांकि संक्षिप्त कार्यकाल में आईएएस मनीष सिंह महाकालेश्वर मंदिर के आसपास से अतिक्रमण हटाने और शहर में आवारा मवेशियों के बाड़े तोड़ने जैसी कई ऐसी कार्रवाई की जो उज्जैन में पहले कभी नहीं हुई। उज्जैन कलेक्टर मनीष सिंह और एसपी सचिन कुमार अतुलकर की जोड़ी काफी फेमस रही। दोनों अधिकारियों ने उज्जैन के कई वीआईपी बंदूक के लाइसेंस भी निरस्त कर दिए थे उन लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज थे इसलिए कार्रवाई हुई थी। इसके अलावा उनके कार्यकाल में जिला बदर और रासुका की कार्रवाई भी रिकार्डतोड़ हुई। कलेक्टर मनीष सिंह और आईपीएस सचिन कुमार अतुलकर भी मीडिया फ्रेंडली रहे। उन्होंने मीडिया के सामने खुलकर बातों को रखा और इसका उज्जैन की मीडिया ने भी हमेशा सम्मान किया।

 

कलेक्टर शशांक मिश्र और एसपी सचिन कुमार अतुलकर-

उज्जैन में कलेक्टर के रूप में आईएएस अफसर शशांक मिश्र ने लगभग डेढ़ साल तक काम किया । उनके कार्यकाल में भी दिव्यांगों के विवाह सम्मेलन हुए। इसके अलावा उन्होंने सरलता से प्रशासनिक हलकों में अपनी अलग पहचान बनाई लेकिन यह सरलता कोरोना काल में काम नहीं आई । कोरोना काल में सख्ती की जरूरत थी मगर आईएएस अफसर शशांक मिश्र सरलता से सख्ती करना चाहते थे किंतु कांग्रेस कार्यकाल में हुई उनकी पदस्थी भी लगातार राजनैतिक हल्को को खल रही थी। हालांकि उनके कार्यकाल में भी एसपी सचिन कुमार अतुलकर उज्जैन में जो एनकाउंटर और कार्रवाई की है वह उज्जैन की जनता को जीवन भर याद रहेगी।

कलेक्टर आशीषसिंह और एसपी मनोज कुमार सिंह –

उज्जैन में शिवराज सरकार ने बड़ी उम्मीदों के साथ आईएएस अफसर आशीष सिंह और एसपी मनोज कुमार सिंह को पदस्थ किया है। दोनों ही अधिकारी उज्जैन में पहले काम कर चुके हैं। दोनों अधिकारियों को अच्छा अनुभव है। इसके अलावा उनके आने के बाद काम में काफी सुधार भी हुआ है । वर्तमान समय में सबसे ज्यादा जिम्मेदारी कलेक्टर आशीष सिंह की है। उनके द्वारा मॉनिटरिंग भी की जा रही है और स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए कदम भी उठाए जा रहे हैं। दूसरी तरफ पुलिस विभाग भी लगातार कार्रवाई कर रहा है।  लाॅक डाउन का उल्लंघन करने वालों पर एसपी मनोज कुमार सिंह के कार्यकाल के कुछ ही घंटों में साढे पांच सौ से ज्यादा मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। कलेक्टर आशीष सिंह और पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह दिन रात मेहनत कर को रोना के खिलाफ जंग जीतने में लगे हुए हैं। उन्हें उज्जैन की जनता का पूरा सहयोग भी मिल रहा है । दोनों जोड़ियां अगर अपने टास्क में सफल हो जाती है तो निश्चित उनका कार्यकाल भी उज्जैन के लिए ऐतिहासिक रहेगा।

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