उज्जैन। कोरोना काल में दो कांग्रेसी विधायकों की गिरफ्तारी के बाद बीजेपी और कांग्रेस की राजनीति गरमा गई है। पूर्व विधायक बटुक शंकर जोशी ने आरोप लगाया है कि सरकार दोनों विधायकों को कोरोना से बीमार करना चाहती है। उन्होंने यह भी कहा कि विधायक शुक्रवार से भूख हड़ताल पर बैठेंगे इस पूरे मामले को प्रदेश स्तर तक ले जाया जाएगा।
उज्जैन में कोरोना काल के दौरान भी बीजेपी और कांग्रेस की सियासत चरम सीमा पर है। भोपाल तक पदयात्रा निकालने की घोषणा करने वाले विधायक महेश परमार और मनोज चावला को महाकाल थाना पुलिस ने नियमों का उल्लंघन करने के मामले में जिला प्रशासन के अधिकारियों के निर्देश पर गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद उन्हें प्रतिबंधात्मक धाराओं में केंद्रीय जेल भेरूगढ़ भेज दिया गया। गुरुवार को ऐसी खबरें आई कि विधायक महेश परमार और मनोज चावला रिहा हो सकते हैं। इन खबरों के बीच यह भी चर्चा सामने आई कि दोनों विधायकों को बिना शर्त रिहा कर दिया जाएगा। हालांकि आधिकारिक तौर पर इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई थी। इसके बावजूद कांग्रेस के कई नेता केंद्रीय जेल भेरूगढ़ पहुंच गए। जब जिला प्रशासन और पुलिस विभाग ने स्पष्ट कर दिया कि नियमों के अनुसार ही जमानत हो पाएगी तो कांग्रेसी नेताओं के पैरों तले धरती खिसक गई। जिला प्रशासन और पुलिस विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नियम सभी के लिए बराबर है। दोनों जनप्रतिनिधियों को अपने समर्थकों के साथ बांड भरना पड़ेगा। तब उनकी जमानत होगी। दूसरी तरफ विधायक महेश परमार, मनोज चावला और उनके समर्थक बाउंड भरने को तैयार नहीं है । उनका कहना है कि वे बिना शर्त ही जेल से बाहर आएंगे । इसी बीच पूर्व विधायक बटुकशंकर जोशी ने गंभीर आरोप लगा दिया है उन्होंने दोनों विधायकों को कोरोना ग्रसित करने का षड्यंत्र होने का आरोप लगाया है। पूर्व विधायक बटुकशंकर जोशी ने यह भी कहा कि शुक्रवार से दोनों विधायक अपने समर्थकों के साथ जेल में ही भूख हड़ताल पर बैठेंगे। इस पूरे मामले की जानकारी पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को दे दी गई है । पूर्व मुख्यमंत्री की ओर से निर्देश का इंतजार है । कोरोना काल में जहां एक तरफ आम लोग बेहद परेशान है, दूसरी तरफ उज्जैन में सियासी पारा चरम सीमा पर पहुंच गया है । लोगों का ऐसा मानना है कि वर्तमान समय में राजनीति नहीं होना चाहिए भले ही बीजेपी हो या कांग्रेस, अभी सभी को मिलजुल कर सेवा करने का वक्त है । ऐसे में विधायकों की गिरफ्तारी और उनकी जमानत को लेकर हो रही सियासत में कई लोगों के सिर पर बल ला दिया है । अब पूरे मामले को लेकर उच्च स्तरीय मंथन किया जा रहा है। संभावना है कि शुक्रवार को कोई रास्ता निकल सकता है। अगर ऐसा नहीं हुआ तो धीरे-धीरे उज्जैन की राजनीति और भी गरमा सकती है।
जेल में कोरोना का कोई डर नहीं- जेल अधीक्षक
पूर्व विधायक बटुकशंकर जोशी के आरोपों पर जेल अधीक्षक अलका सोनकर ने बताया कि जेल में फिलहाल कोरोना का कोई खतरा नहीं है। दोनों विधायक और उनके समर्थकों को अन्य कैदियों की तरह आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है। जो नए बंदी जेल में आते हैं उन्हें 14 दिनों तक आइसोलेशन वार्ड में रखा जाता है। इसके बाद ही मुख्य जेल में दाखिल कराया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि जो अन्य कैदियों को सुविधा मुहैया कराई जाती है उसी प्रकार की सुविधा सभी के लिए रहती है । अगर किसी को कोई बीमारी है या तकलीफ होती है तो उसके लिए जेल में चिकित्सकीय व्यवस्था भी उपलब्ध रहती है। गौरतलब है कि केंद्रीय जेल भेरूगढ़ में सैनिटाइजर मशीन से लेकर तमाम सुविधाओं को पहले ही माकूल कर दिया गया था जब बीमारी खेलना शुरू हुई ही थी।