जिस दिन हमारे मुल्क को मिल जाएगी शिफा।
हम ईद और दीवाली उसी दिन मनाएँगे।
( शिफा का मतलब- रोग मुक्त)
उज्जैन। मुस्लिम समाज का सबसे पवित्र रमजान महीना रविवार को ईद के चांद के साथ खत्म हो गया है। खुदा की इबादत का पूरा महीना उज्जैन जिले के लाखों मुस्लिम समाजजनों ने कोरोना के खिलाफ दुआओं में हाथ उठाए हैं। इस बात फजर से लेकर ईशा तक जो भी नमाज हुई है उसमें हर दुआ के साथ कोरोना के खात्मे की दुआ भी मांगी गई है। कोरोना के खिलाफ मुस्लिम समाज भी लामबंद है। समाज के लोग घर पर ही ईद मना कर प्रशासन को पूरा सहयोग करेंगे।
कोरोना के खिलाफ इस बार रमजान महीने में भी उज्जैन जिले के लाखों मुस्लिम समाज जनों ने पांचों वक्त की नमाज में हर दुआ के साथ कोरोना के खात्मे की दुआ भी मांगी है । मुस्लिम समाज के लोग पवित्र रमजान महीने में रोजा रखकर खुदा की इबादत करते हैं । इन दिनों पांचों वक्त की नमाज भी अदा की जाती है। सुबह फजर की नमाज से इबादत शुरू होती है इसके बाद जौहर, असर, मगरीब और ईशा की नमाज के साथ इबादत का सिलसिला जारी रहता है।

ऐसा माना जाता है कि रमजान माह में जो भी दुआ मांगी जाती है उसे खुदा कबूल करता है। अक्सर रमजान माह में लोग अपनी मुरादें पूरी करने के लिए दुआ मांगते हैं। इसके अलावा अमन और चैन की दुआ भी मांगी जाती है लेकिन इस बार रमजान माह में सबसे ज्यादा दुआएं कोरोना के खात्मे की मांग की गई है। पूरे विश्व से कोरोना महामारी को खुदा नेस्तनाबूद कर दे, ऐसी दुआ मांगी गई है। रमजान पवित्र महीने के बाद ईद का त्यौहार खुशियों का संदेशा लेकर आता है। इस बार मुस्लिम समाज जन ईद घर पर ही मनाएगा।
उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह और पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह के साथ मुस्लिम धर्मगुरुओं की बैठक हुई थी जिसमें सर्व अनुमति से यह निर्णय लिया गया कि कोरोना महामारी को देखते हुए मुस्लिम समाज के लोग घरों पर ही ईद का त्यौहार मनाएंगे। रमजान माह के बाद ईद पर सामूहिक नमाज भी अता की जाती रही है लेकिन समाज की भलाई और देश को सुरक्षित रखने के लिए मुस्लिम समाज ने घरों पर ही ईद का त्यौहार मनाने तथा नमाज अता करने का अच्छा फैसला लिया है।
