उज्जैन। उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह मंगलवार को पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ संक्रमित इलाकों का दौरा किया और लोगों से कोरोना फैलने के संबंध में बातचीत की। विशेष रूप से उन लोगों से जानकारी हासिल की गई जिनके परिवार के सदस्य संक्रमित हैं। इस पूरे मामले में चौंकाने वाली बात सामने आई है। देखिये पूरी खबर।
मंगलवार को उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह कोरोना संक्रमण फैलने की पड़ताल करने के लिए निकले। उन्होंने बेगमपुरा , मालीपुरा, नलिया बाखल, निकास चौराहा आदि इलाकों में संक्रमित लोगों और उनके परिवार के सदस्यों से जानकारी हासिल की। उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने “उज्जैन चर्चा” से बातचीत में बताया कि संक्रमण फैलने की कुछ ऐसी प्रमुख वजह सामने आई है जो आने वाले दिनों में उज्जैन के लोगों को ध्यान रखने योग्य है । उनके मुताबिक क्लस्टर एरिया में ही संक्रमण ज्यादा फैला है। दरअसल शहर के प्रमुख मार्गों, चौराहों और प्रचलित स्थानों पर पुलिस प्रशासन ने लाॅक डाउन का पूरी तरह पालन करवाया लेकिन सकरी गलियों और छोटे-छोटे इलाकों में कहीं ना कहीं लोगों ने लापरवाही बरती, जिसकी वजह से सबसे पहले एक व्यक्ति संक्रमित हुआ तो उसने आसपास के दूसरे लोगों को भी संक्रमित कर दिया।
उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह के मुताबिक अगर जिस प्रकार के आंकड़े कोरोना के अभी आना शुरू हुए हैं अगर ऐसा ही चलता रहा तो शहर को 1 जून को पूरी तरह खोला भी जा सकता है लेकिन अगर लोगों ने अभी भी लाॅक डाउन का पालन नहीं किया अथवा स्थितियां बदली तो फिर अलग से विचार किया जाएगा। गुरुवार को उज्जैन शहर के जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक रखी गई है जिसमें लॉक डाउन खोलने के संबंध में रणनीति बनाई जाएगी । कलेक्टर की पड़ताल में यह निचोड़ निकल कर आया है कि शहर की गली महोल्लों के अंदर भी जो सकरी गलियां और इलाके हैं, वहां पर लोगों को अपनी जवाबदारी समझते हुए लाॅक डाउन का पालन करना होगा। इसके बाद ही कोरोना की चेन पूरी तरह ब्रेक हो पाएगी।
कारण-
-लाॅक डाउन का पालन नहीं।
– दूध, सब्जी के लिए दूसरों से संपर्क में आना।
– अन्य कार्य के लिए लाॅक डाउन तोड़ कर बाहर निकलना ।
– सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करना।
– छोटे मकान में अधिक सदस्यों के रहने की भी वजह से संक्रमण की चैन बनी।