उज्जैन एसपी ने बोला- “जय भीम”

उज्जैन। भगवान श्री महाकालेश्वर के अटूट आस्था रखने वाले आईपीएस अधिकारी और उज्जैन एसपी मनोज कुमार सिंह दोपहर के 12 बजे शिखर दर्शन कर तपती सड़क पर दंडवत प्रणाम करते हुए पूरे विश्व ने देखा है। ऐसे अधिकारी किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने जैसा कार्य करें, यह बात अकल्पनीय है। इसके बावजूद आईपीएस अधिकारी मनोज सिंह ने बोला “जय भीम” और  पूरे विवाद का पटाक्षेप कर दिया।

कोरोना काल में आईपीएस अधिकारी और उज्जैन एसपी मनोज कुमार सिंह सुबह 6 बजे से रात 1 बजे तक फील्ड में सेवाएं दे रहे हैं। वे कोरोना को लेकर पुलिस द्वारा उठाई जा रहे कदम की मॉनिटरिंग भी कर रहे हैं । ऐसी स्थिति में सोशल मीडिया पर उज्जैन एसपी को लेकर यह अफवाह फैल रही थी कि उन्होंने “जय भीम” बोलने पर कानूनी कार्रवाई करने का फरमान जारी कर दिया है। कोरोना काल में व्यस्त पुलिस को दूसरी कोई कार्रवाई या निर्देश देने का वक्त तक नहीं है। ऐसे में भी पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह पर सोशल मीडिया के जरिए अफवाहों में आरोप लग गया । इस मामले को लेकर भीम आर्मी से जुड़ी एक वरिष्ठ कार्यकर्ता ने पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह को फोन लगाकर “जय भीम” बोला। इसके प्रत्युत्तर में आईपीएस अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने “जय भीम” बोल कर उनका अभिवादन किया। पुलिस कप्तान ने भीम आर्मी के वरिष्ठ महिला कार्यकर्ता चलायमान फोन पर उनके सभी सवालों का जवाब दिया और इस बात का खंडन भी किया कि “जय भीम” बोलने पर किसी के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई होगी। 

 इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि राज्य पुलिस सेवा या भारतीय पुलिस सेवा में चयन होने से पहले संविधान को पढ़ना भी सबसे महत्वपूर्ण होता है। इसी कड़ी में संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर को पढ़े बिना पाठ्यक्रम अधूरा रहता है। 

कुल मिलाकर पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने “जय भीम” बोल कर पूरे मामले का पटाक्षेप कर दिया है इसके बावजूद अगर कुछ लोग अपनी राजनीति चमकाने के लिए पुलिस कप्तान पर गलत आरोप लगाते हैं तो यह कहां तक उचित होगा इसका फैसला आप खुद कर सकते हैं ? जरा सोचिए। 

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