उज्जैन बेकरार, मंत्री बनने के लिए करना होगा इतना इंतजार !

भोपाल/उज्जैन। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में उज्जैन को कब मिलेगा मंत्री पद ?

शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार बार-बार क्यों टल रहा है ?

क्या मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार की कोई तारीख आएगी ?

क्या मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने मंत्रिमंडल में और भी बढ़ोतरी कर पाएंगे ?

उज्जैन को और कितना इंतजार करना पड़ेगा ?

यही वो सवाल है जो आम लोगों के दिल में लंबे समय से उठ रहे हैं। इन सवालों का जवाब “उज्जैन चर्चा” आपको सिलसिलेवार बताने जा रहा है ।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल का विस्तार 19 जून के बाद होगा, यही वह तारीख है जब मध्य प्रदेश में राज्यसभा के चुनाव के लिए मतदान होना है । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस बात को जानते हैं कि मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान कई लोगों की उम्मीदों पर पानी फिर सकता है।  इस बार मंत्रिमंडल में चौंकाने वाले नाम भी सामने आ सकते हैं।

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में पूर्व में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम पर सरकार बनी थी लेकिन इस बार राज्यसभा के प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत के कारण मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनी है । यही वजह है कि सभी को साधने का काम किया जा रहा है । इसके अलावा राज्यसभा चुनाव में भाजपा 2 सीटों पर कब्जा करना चाहती है । वर्तमान में बीजेपी की ओर से पहले नाम पर ज्योतिरादित्य सिंधिया की जीत पक्की मानी जा रही है जबकि दूसरे तरफ डॉक्टर सुमेर सिंह सोलंकी को भी विजय बताया जा रहा है।  इन सबके बीच कांग्रेस भी पूरी ताकत लगा रही है । पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की जीत तो पक्की है लेकिन कांग्रेस की ओर से एक और प्रत्याशी फूल सिंह बरैया की जीत को लेकर संघर्ष किया जा रहा है। यदि मंत्रिमंडल का विस्तार अभी हो जाता है तो ऐसी स्थिति में बीजेपी के खेमे में भी सेंध लग सकती है। संभवत यही प्रमुख कारण है जिसकी वजह से बार-बार मंत्रिमंडल विस्तार की तारीखें बदल रही है ।

राजनीतिक सूत्रों की मानें तो 19 जून को राज्यसभा की 3 सीटों के लिए मतदान होना है । इसके बाद ही शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल का विस्तार होगा। फिलहाल उज्जैन से बीजेपी सरकार में पहले भी मंत्री रह चुके वरिष्ठ विधायक पारस जैन के साथ साथ दक्षिण के विधायक मोहन यादव का नाम भी सुर्ख़ियों में है।  हालांकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जिसे चाहेंगे वही मंत्री बन पाएगा। 

राज्यसभा चुनाव का पूरा गणित

  उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में राज्यसभा की 3 सीटें अप्रैल माह में खाली हुई है, इनमें डॉक्टर सत्यनारायण जटिया, दिग्विजय सिंह और प्रभात झा शामिल है। इन सीटों पर 19 जून को मतदान होना है। वर्तमान में एक राज्यसभा की सीट जीतने के लिए 58 वोटों की आवश्यकता होती है । कांग्रेस के पास 95 वोट है जबकि बीजेपी के पास 106 वोट है । इसके अतिरिक्त अन्य विधायकों का सपोर्ट ले लिया जाए तो बीजेपी को 2 सीटें जीतने में दिक्कत नहीं होगी। 

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