उज्जैन। वर्तमान परिस्थितियों में मानव संवेदनाओं को लेकर कम ज्यादा का मापदंड बताया जा सकता है लेकिन जानवरों की संवेदना आज भी समय के साथ नहीं बदली है। यही वजह है कि केरल में हुई हथनी की मौत का विरोध दर्ज कराने उज्जैन की विजयलक्ष्मी राजाधिराज महाकाल के दरबार में पहुंच गई । विजयलक्ष्मी के हृदय की बात सुनी जाए तो उसने यही कहा होगा कि “माफ मत करना राजाधिराज !”
केरल में गर्भवती हथनी की मौत के बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है । इसी विरोध के बीच विजयलक्ष्मी नामक हथनी राजाधिराज महाकाल के दरबार में पहुंची। महारथ ने बताया कि केरल की घटना को लेकर वे भी दुखी है । यही वजह है कि भगवान महाकाल के दरबार में हथनी को लेकर आए हैं। पहले तो हथनी ने राजाधिराज के सामने सिर झुकाया, इसके बाद सूंड ऊंची कर उनको प्रणाम भी किया।
गौरतलब है कि हाथी को गजानन के रूप में भी पूजा जाता है और कालों के काल महाकाल गजानन के पिता हैं । शायद इसी गहरे नाते की वजह से विजयलक्ष्मी दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की अर्जी लगाने राजाधिराज के सामने पहुंची होगी । वर्तमान समय में और विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर उज्जैन की सबसे अलग और बेहतरीन खबर है । इस खबर का मूल सार यह है कि भारत देश में आज भी संवेदनाओं की बड़ी कीमत है।