उज्जैन पुलिस अधीक्षक के रूप में आईपीएस अधिकारी मनोज कुमार सिंह का एक महीना पूरा हो गया है। एक महीना कैसे बीत गया यह पता भी नहीं चल पाया लेकिन पुलिस विभाग का जिस दिशा में कदम आगे बढ़ाया है वह संतोषप्रद जरूर है। इन 1 महीनों में उज्जैन पुलिस ने क्या कुछ कर दिखाया? इसकी पूरी रिपोर्ट देखिए।
उज्जैन। उज्जैन पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने शनिवार रात देहात के पुलिस अधिकारियों की बैठक ली। इस दौरान उन्होंने एक नया फरमान जारी किया है । पुलिस कप्तान ने निर्देश दिए हैं कि थानों पर मिलने वाली शिकायतें आवेदन और अदम चेक पर पूरा ध्यान रखा जाए। थाने के बड़े अधिकारी अदम चेक की मॉनिटरिंग करें।
पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने उज्जैन के अपने कार्यकाल में एक महीना पूरा कर लिया है । उन्होंने 8 मई को कार्यभार ग्रहण किया था । इन 1 महीने में पुलिस कप्तान ने मैदान पर डट कर कोरोना और अपराधियों के खिलाफ एक साथ जंग लड़ी । इस दौरान वे लगातार भगवान महाकाल की शरण में भी जाते रहे हैं । उनकी महाकाल आराधना देश भर में सुर्खियां बटोर चुकी है।
पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह शहर के साथ-साथ देहात में भी अपराधों की रोकथाम के लिए विशेष रूप से निर्देश जारी किए हैं। शनिवार रात पुलिस कप्तान ने देहात के एसडीओपी और अन्य अधिकारियों की बैठक बुलाई । इस बैठक में विशेष रूप से अदम चेक और शिकायत आवेदनों पर जांच करने के निर्देश जारी किए गए। पुलिस कप्तान अधिकारियों को कहा कि अगर प्राथमिक स्टेज में ही पुलिस अदम चेक और शिकायती आवेदन कार्रवाई कर देगी तो अपराध घटना शुरू हो जाएंगे। छोटे छोटे मामले तब बड़े बन जाते हैं जब पुलिस उन पर ध्यान नहीं देती है। उन्होंने यह भी कहा कि भले ही पुलिस योग्य हस्तक्षेप अपराध हो लेकिन यह बड़े अपराध घटित होने की पहली कड़ी है , इस कड़ी को तोड़ना बेहद आवश्यक है । पुलिस अधीक्षक में देहात के सभी पुलिस अधिकारियों से कहा कि यदि उन्हें कोई भी समस्या हो तो सीधे संपर्क करें लेकिन अपराधों की रोकथाम और अपराधियों पर नकेल कसने के पूरे इंतजाम किए जाएंगे। उन्होंने रात्रिकालीन गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए हैं । गौरतलब है कि बेरोजगारी बढ़ी है यही वजह है कि पुलिस आर्थिक अपराधों पर पूरा ध्यान केंद्रित कर रही है। इस बैठक में एएसपी आकाश भूरिया भी मौजूद थे।
क्या कहा पुलिस कप्तान ने
इस पूरे मामले में पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि देहात के पुलिस अधिकारियों की रूटीन बैठक थी। उनकी बैठक पहली बार बुलाई गई है। कोरोना में व्यस्तता की वजह से सब से अलग-अलग बातचीत होती रहती थी। जब उनसे आदम चेक के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह पुलिस का रूटीन वर्क है । पुलिस अपराधों को रोकने के लिए सभी बारीकियों पर काम करती है । अदम चेक के मामले में मॉनिटरिंग करने के निर्देश जरूर जारी किए गए हैं।
क्या होता है अदम चेक..
भारतीय संविधान में प्रावधान है कि ऐसा कोई अपराध जो पुलिस संज्ञान लेने लायक नहीं समझती तो वह अदम चेक काट देती है। अदम चेक की जानकारी संबंधित थाने के रोजनामचे में होती है और बाकायदा थाने के दस्तावेज पर शिकायतकर्ता द्वारा जो शिकायत लिखाई जाती वह पूरी लिखी जाती है। इस अदम चेक को लेकर न्यायालय में परिवाद भी लगाए जा सकता है। यदि न्यायालय उचित समझता है तो पुलिस को विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के निर्देश भी दे सकता है। इसके बाद न्यायालय में विधिवत मामला चलता है।