कोरोना काल में उज्जैन का प्रॉपर्टी बाजार..

विक्रमसिंह जाट

उज्जैन। बाजार में अर्थव्यवस्था का पहिया घूमने में सबसे बड़ा हाथ प्रॉपर्टी बाजार का होता है जिस शहर की प्रॉपर्टी के रेट जितने ऊंचे होते हैं, उस शहर की अर्थव्यवस्था उतनी ही मजबूत मानी जाती है। कोरोना काल में उज्जैन के प्रॉपर्टी बाजार में कितना बदलाव हुआ है। देखिए पूरी रिपोर्ट। 

धार्मिक नगरी उज्जैन में पिछले कुछ सालों में प्रॉपर्टी बाजार ने कई लोगों की किस्मत बदल दी। कोरना काल में फिर एक बार प्रापर्टी बाजार कई लोगों की किस्मत बदलने जा रहा है। यह बात आपको पूरी तरह समझ नहीं आ रही होगी लेकिन पूरी रिपोर्ट देखकर आपको सब कुछ पता चल जाएगा।

उज्जैन में कोरोना काल के दौरान प्रॉपर्टी बाजार में बहुत बड़ा बदलाव हुआ है। अब लोग शहर के उन इलाकों से तोबा कर रहे हैं जहां पर खरीदारों की लाइन लगी रहती थी। शहर की घनी बस्ती हो रहवासी इलाकों में प्रॉपर्टी बाजार मंदा हो गया है लेकिन शहर के बाहर शांत और खुशहाल वातावरण में एक बार फिर प्रॉपर्टी बाजार गुलजार होने जा रहा है । प्रॉपर्टी बाजार से जुड़े लोगों की बात माने तो शहर से दूर बसावट पर अब लोगों का ध्यान बढ़ रहा है। लाॅक डाउन खुलने के बाद शहर से दूर ऐसी नई कालोनियों की ओर लोगों की पूछताछ ज्यादा बढ़ रही है जहां पर घनी आबादी नहीं है। 

उल्लेखनीय है कि शहर के अंदर प्रॉपर्टी बाजार इसलिए भी धीमी गति से आगे बढ़ रहा था क्योंकि शहर में संपत्ति के भाव बेहद ज्यादा है। उज्जैन शहर में गोपाल मंदिर, टावर चौक, शहीद पार्क, पटनी बाजार, लखेरवाड़ी ऐसे व्यवसायिक क्षेत्र है जहां पर सबसे ज्यादा प्रॉपर्टी के रेट है जबकि रहवासी इलाकों की बात की जाए तो नए शहर की अधिकांश कालोनियों में रेट उछाल पर है। ऐसी स्थिति में मध्यम वर्गीय, निम्न आय वर्ग के लोग शहर से दूर नई कालोनियों की ओर रुख कर रहे हैं। गौरतलब है कि सरकार भी प्रॉपर्टी बाजार को ऊंचा उठाने के लिए लगातार गाइडलाइन बना रहा है । बैंक की ओर से भी पूरा सहयोग दिया जा रहा है । ऐसी स्थिति में आने वाले दिनों में एक बार फिर प्रॉपर्टी बाजार अपने पैरों पर खड़ा नजर आएगा।

शांति पैलेस के पीछे मांग बढ़ी

 नानाखेड़ा पर स्थित होटल शांति पैलेस के पीछे कई नई कॉलोनी बन रही है। इनमें लगातार लोगों की मांग बढ़ रही है । नए शहर के लोग उन कालोनियों में जा रहे हैं। सिंहस्थ बाईपास होने की वजह से आने वाले समय में इस मार्ग पर और भी कई योजनाएं आने वाली है ।  इसके अलावा देवास रोड, मक्सी रोड और इंदौर रोड पर भी लोगों का रुझान बढ़ा है। दूसरी तरफ अगर पुराने शहर की बात की जाए तो पंचकोशी मार्ग तेजी से फल-फूल रहा है । पंचकोशी मार्ग, आगर रोड पर भी नई कालोनियों में कम कीमत पर भूखंड और भवन मिल रहे हैं । इन कालोनियों की और भी लोगों का रुझान ज्यादा देखने को मिल रहा है। वर्तमान समय में लोग कोरोना काल की वजह से भविष्य देखते हुए कदम उठा रहे हैं। लोगों का मानना है कि कम कीमत और कम खर्च में जैसे भी जीवन निकाल सके, इस पर जोर दिया जा रहा है। 

अवैध कॉलोनी नहीं काट सकेंगे भूमाफिया

जिला प्रशासन और सरकार के द्वारा अवैध रूप से भूखंड देखने वालों के खिलाफ भी सतत निगाह रखी जा रही है। इससे जहां एक तरफ आम लोगों का काफी नुकसान होता है , वही धोखाधड़ी की संभावना भी बनी रहती है। इसके अलावा सरकार को भी राजस्व की हानि होती है । अवैध कॉलोनियों में अब लोगों का रुझान भी खत्म हो गया है। 

कंटेंटमेंट एरिया के कारण हुई फजीहत

कोरोना काल में कंटेंटमेंट एरिया पुराने शहर में सबसे ज्यादा बने। उज्जैन के नयापुरा, अबदालपुरा  सहित कई घनी बस्तियों में लगातार कंटेनमेंट एरिया बनते आ रहे हैं । यही वजह है कि अब लोगों का रूख शहर के बाहर की कॉलोनियों की ओर ज्यादा बढ़ रहा है। 

किसने क्या कहा-

आगर रोड पर नई कालोनियों में लोगों की इंक्वायरी ज्यादा बढ़ रही है। 

– संजय बाफना, कालोनाईजर

कोरोना काल की वजह से अब शहर से दूर नई कॉलोनी की ओर लोग ज्यादा रुझान दिखा रहे हैं। प्रॉपर्टी बाजार फिर पटरी पर आएगा।

– राजू छतवानी प्रॉपर्टी एडवाइजर

शहर की घनी आबादी वाले इलाकों में लोगों का रुझान कम हुआ है। शहर के बाहर अब ज्यादा सुकून से रहने की लोगों की इच्छा है। नई कालोनियों के रेट के बारे में लोग पूछताछ कर रहे हैं।

– मनीष रावल, प्रॉपर्टी एडवाइजर

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