कचोरी, समोसे, चाय, काफी, पोहा, जलेबी, खमण, फाफड़ा की दुकान ग्रामीण क्षेत्रों में खोलने की अनुमति कब होगी ?
उज्जैन (सूरज मेहता) । कोरोना काल ने सबको आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचाया है । एक सीमा तक सबने बर्दाश्त कर लिया लेकिन होटल संचालक अभी भी लॉक डाउन की चपेट में फंसे हुए हैं। उनको समझ नहीं आ रहा कि घर कैसे चलाया जाए ?
लॉक डाउन नागरिकों के लिए भले खुल गया लेकिन अल्पाहार संचालन को अनुमति नहीं मिलने से इस व्यवसाय से जुड़े सभी लोग भारी आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। प्रशासन ने नमकीन और मिठाई बनाने की अनुमति दे रखी है तो होटल संचालकों को भी सशर्त छूट दे देना चाहिए। आखिर ऐसे कब तक चलेगा ? कोई रास्ता निकाला जाए। ऐसा होटल संचालकों का सुझाव है। ग्रामीण क्षेत्रों में होटल वालों को दुकानों को खोलने की अनुमति दी जावे। इससे जहां लोगों को सुविधा मिलेगी, वहीं होटल संचालको को आर्थिक समस्या से भी छुटकारा मिलेगा।
होटल बन्द बिजली बिल कैसे भरें ?
होटल संचालक बताते हैं कि धंधा बन्द है लेकिन बिजली बिल आ रहे है। जेब में पैसे नहीं तो बिल का भुगतान कैसे करें ? ग्रामीण इलाकों में या मुख्य मार्ग पर होटल नहीं खुलने से राहगीरों को कचोरी, समोसे, चाय, काफी, पोहा, जलेबी, खमण, फाफड़ा की परेशानी भी आ रही है। यहां कोरोना नहीं होने के बाद भी राहत नहीं दी जा रही है । कोरोना के डर से वैसे वही होटलों पर अपेक्षाकृत कम व्यवसाय होने का खतरा बना हुआ है।