एक रिपोर्ट पोजीटीव, दूसरी निगेटिव मतलब…

उज्जैन। विश्व भर को परेशान करने वाली नई बीमारी मतलब कोरोना महामारी को लेकर कई ऐसे अनसुलझे सवाल सामने आ रहा है जिनका जवाब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के पास भी नहीं है । ऐसा ही एक सवाल इंद्र नगर के रहने वाले 24 वर्षीय युवक ने उठाया है, उसने खुद का वीडियो वायरल किया है। वीडियो में कहा गया है कि उसकी पहली रिपोर्ट जरूर पॉजिटिव आई थी लेकिन दूसरी मशीन पर जब टेस्ट किया गया तो रिपोर्ट नेगेटिव आई। दोनों रिपोर्ट भी उसने सोशल मीडिया पर वायरल की है। इस पूरे मामले को लेकर “उज्जैन चर्चा” की पड़ताल देखिए। 

उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह और पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह कोरोना से निपटने के लिए सरकार की मंशा के अनुरूप पूरी ताकत लगा रहे हैं । दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग कई ऐसे मरीजों को संतुष्ट नहीं कर पा रहा है जिनके मन में अपनी कोरोना रिपोर्ट को लेकर संशय है। ऐसा ही एक मामला इंदिरा नगर के 24 वर्षीय युवक का सामने आया है । उसने वीडियो वायरल कर कहा है कि उसकी दूसरी रिपोर्ट नेगेटिव आई । इसके बावजूद पॉजिटिव लोगों के बीच उसे रखा गया है । ऐसी स्थिति में नेगेटिव व्यक्ति भी पॉजिटिव हो सकता है। युवक के कई सवाल वाजिब है और उसने सोशल मीडिया पर अपनी दोनों रिपोर्ट भी वायरल की है। उसने कहा है कि उसे 13 तारीख को इंदिरा नगर से पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम बटालियन ले गई। बटालियन में उसकी दूसरी टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव आई इसके बाद उसे देवास रोड पर स्थित क्वोरेंटाईन सेंटर ले जाया गया। उसका कहना है कि वह शारीरिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ है और उसे किसी प्रकार की कोई बीमारी नहीं है, उसने रिपोर्ट को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं। उसका आरोप है कि उसकी नेगेटिव रिपोर्ट आने के बावजूद उसे क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया है और उसके दोस्तों को भी क्वॉरेंटाइन किया गया है। इसके अलावा परिवार के अन्य लोगों को भी क्वोरेंटाईन कर दिया गया है ।इस पूरे मामले को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का अपना तर्क है । मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ महावीर खंडेलवाल के मुताबिक पहली रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई मतलब शत प्रतिशत मरीज पॉजिटिव है। दूसरी रिपोर्ट में कई बार कोरोना के वायरस डिटेक्ट नहीं होते हैं । ऐसी स्थिति में पॉजिटिव वाली रिपोर्ट को ही माना जाएगा । डॉक्टर खंडेलवाल का यह भी कहना है कि तीसरी मशीन से फिर जांच करवाई गई थी जिसमें वह पॉजिटिव आया है। जब उनसे जांच की प्रक्रिया के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा इसके बारे में पैथोलॉजिस्ट बता सकता है। 

क्या कहा उज्जैन कलेक्टर ने ?

उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह के मुताबिक पूरा मामला सोशल मीडिया के माध्यम से संज्ञान में जरूर आया है। इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से बातचीत भी की गई है जिस लड़के का वीडियो वायरल हुआ है वह पॉजिटिव है, इस बारे में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की ओर से जानकारी दी गई है। लड़के की 10 दिन बाद एक बार फिर सैंपलिंग कराई जाएगी। 

पीड़ित पक्ष को संतुष्ट करने का काम किसका ?

बीमारी किसी भी प्रकार की हो लेकिन सबसे बड़ा मनोबल होता है। जब मनोबल अटूट रहता है तो गंभीर बीमार भी ठीक हो जाता है उसे दवा और दुआ दोनों असर करती है। वर्तमान समय में स्वास्थ्य विभाग का काम मरीजों को संतुष्ट करना भी है, अगर मरीज के मन में कोई शंका है तो उसे की शंका का समाधान भी किया जाना आवश्यक है।

 क्यो आवश्यकता पड़ी वीडियो वायरल करने की ?

उज्जैन में अभी तक 800 से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं लेकिन कुछ मामलों में ही लोगों ने वीडियो वायरल कर अपनी समस्याएं बताई है। उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह के पदस्थ होने के बाद वीडियो वायरल कर समस्या बताने का यह पहला मामला है। पहले आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज की अव्यवस्थाओं को लेकर जरूर वीडियो वायरल हुए थे लेकिन अब वीडियो वायरल होना बंद हो गए हैं लेकिन इंदिरा नगर के मरीज  ने वीडियो वायरल कर अपनी समस्या जिला प्रशासन तक पहुंचाई है । यह विश्वास किया जा रहा है कि आने वाले समय में उसके समस्या का पूरी तरह समाधान हो जाएगा। 

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