उज्जैन के थाना माधव नगर में एक फोन आता है जो सभी को हिला कर रख देता है। फोन करने वाले ने यह सूचना दी कि बटालियन के क्वार्टर में छत पर हवलदार बलवीर सिंह की लाश पड़ी हुई है। बलवीर सिंह कोरोना की ड्यूटी में लगे हुए थे । इस सूचना के बाद माधव नगर पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचते हैं । इसके बाद उज्जैन एसपी मनोज कुमार सिंह सहित आला अधिकारी भी घटनास्थल का मुआयना करते हैं। क्योंकि जब बात किसी भी सुरक्षा एजेंसी के कर्मचारी की होती है तो पूरा महकमा पूरी ताकत लगा देता है।
पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने घटनास्थल का मुआयना करने के बाद स्पष्ट रूप से संदेह जता दिया था कि यह हत्या का मामला है, मगर इसे आत्महत्या करार देने की कोशिश की गई है । पुलिस अधीक्षक श्री सिंह ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमरेंद्र सिंह के नेतृत्व में एक टीम गठित करते हुए पूरे मामले को तुरंत खुलासा करने के भी निर्देश दिए। क्योंकि वक्त इतना नाजुक था कि ऐसी परिस्थिति में बलवीर सिंह की पत्नी रेखा से जानकारी हासिल करना बेहद कठिन काम था। दो बच्चों की मां रेखा पुलिस को लगातार गुमराह कर रही थी। पुलिस को इतना जरूर समझ आ गया था कि रेखा झूठ बोल रही है मगर पति की मौत के बाद पत्नी को पुलिस जबरदस्ती भी पूछताछ नहीं कर सकती है। मानव संवेदनाओं को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने बड़े ही हाईटेक टेक्निक से रेखा का झूठ पकड़ना शुरू कर दिया । इसके बाद महिला पुलिस अधिकारियों को रेखा की पर नजर रखने के लिए तैनात किया गया।
पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह 19 जून की रात को सो भी नहीं पाए क्योंकि कोरोना ड्यूटी के दौरान लगे कर्मचारियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी आला अधिकारियों की भी होती है। पुलिस अधिकारी इस बात का भी ध्यान रख रहे थे कि अगर रेखा कसूरवार नहीं निकली तो फिर अंधे कत्ल की गुत्थी कैसे खुलेंगी और अपराधी कौन निकल सकते है, सभी बिंदुओं पर काम किया जा रहा था। इसी बीच रेखा ने पुलिस की बारीकियों को समझते हुए अपना अपराध स्वीकार कर लिया। सबसे बड़ी बात यह है कि अंधे कत्ल जैसे बड़े मामले में पुलिस ने किसी भी प्रकार की सख्ती नहीं बरती बल्कि बड़े ही आराम से सवाल जवाब के सिलसिले के दौरान ही पूरा मामला खुल गया। इसके बाद सुबह 4 बज चुके थे इसके बाद पुलिस कप्तान को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी गई ।पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने सभी पूरी टीम को “वेलडन” कहा उसके बाद वे सोए।
सीआरपीएफ का जवान भी गिरफ्तार
पुलिस विभाग के आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बलवीर हत्याकांड के मुख्य आरोपी सीआरपीएफ के जवान रवि को भी गिरफ्तार कर लिया गया है । रवि को शहडोल में उज्जैन पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी रवि को रविवार सुबह तक उज्जैन लाया जाएगा। इसके बाद पुलिस रिमांड लेकर उससे भी पूछताछ की जाएगी।
कोई भी दिक्कत हो तो सीधे बताए
पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह कई बार वायर लेस सेट के साथ साथ आमने-सामने भी इस बात को पुलिस कर्मचारियों और अधिकारियों के सामने रखते हुए आए हैं कि “यदि कोई भी दिक्कत हो तो सीधे बताएं”.. इसका सीधा मतलब है कि पुलिस कप्तान किसी भी कर्मचारी और अधिकारी को कोई भी परिस्थिति में परेशान नहीं होने देना चाहते हैं। जिस प्रकार पुलिस महकमे के लिए पुलिस कप्तान ने कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए अपने सीधे दरवाजे खोल रहे हैं उसी प्रकार बटालियन के हवलदार के लिए भी उन्होंने अपनी और से कोई कसर नहीं छोड़ी। पुलिस कप्तान मनोज कुमार सिंह ने हत्या घटना का खुलासा करने वाली टीम को ₹25000 का इनाम भी दिया है।
..इसलिए मुश्किल था अंधाकत्ल खोलना
जब भी कोई कत्ल या आपराधिक वारदात बिना सोचे समझे तत्काल हो जाती है तो उसे खोलना उन परिस्थितियों की बनिस्बत आसान होता है जो सोच समझकर की जाती है। क्योंकि बलवीर हत्याकांड में सीआरपीएफ के जवान ने पूरी षड्यंत्र की रचना की थी। आरोपी भी सुरक्षा एजेंसी से जुड़ा हुआ था इसलिए उसने अपने बचने के काफी इंतजाम किए थे। आरोपी ने महिला के साथ मिलकर बलवीर का 40 लाख का बीमा भी करवाया था। इसके अलावा मौके पर ऐसे कोई साक्ष्य छोड़ने की गलती भी नहीं की थी जिसकी वजह से उस तक पुलिस पहुंच जाए मगर उज्जैन पुलिस ने हत्यारों की चालाकी से आगे जाकर पूरी वारदात को खोल दिया।