उज्जैन। रेड जोन उज्जैन में आ रही लगातार अच्छी खबरों के पीछे उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह और पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह की कड़ी मेहनत है। प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों ने ऐसा एक भी पोजीटीव मरीज नहीं छोड़ा है जिससे कोरोना संक्रमण फैलने की बारीकियों का पता नहीं लगाया हो।
उज्जैन में जहां स्वास्थ्य विभाग मरीजों के परीक्षण और उनको स्वस्थ करने में लगा हुआ है, वही पुलिस और जिला प्रशासन कोरोना संक्रमण की चेन को ब्रेक करने में पूरी ताकत लगा रहा है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह और पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह खुद कंटेनमेंट एरिया में रोज जा रहे हैं और मरीजों के परिजनों से संक्रमण फैलने के बारे में जानकारी हासिल कर रहे हैं । दोनों अधिकारियों ने एक भी ऐसा केस नहीं छोड़ा है जिसकी बारीकी से स्टडी नहीं की गई हो। यहां तक कि कई मरीजों के करीबी रिश्तेदारों को भी इस बात की जानकारी नहीं है कि उन्हें संक्रमण कैसे फैला ? मगर जिला प्रशासन के अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों के पास पूरी जानकारी है ।
उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह और पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह संक्रमण फैलने की जानकारी एकत्रित करने के बाद उसकी चेन ब्रेक करने के संबंध में आवश्यक रणनीति भी बनाते हैं। प्रतिदिन शाम 6 से 7 के बीच जिला प्रशासन पुलिस महकमा और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक होती है। इसी बैठक में कोरोना वायरस को लेकर समीक्षा होती है। इसके बाद आवश्यक निर्देश भी जारी किए जाते हैं।
गौरतलब है कि उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने 30 जून तक वर्तमान की व्यवस्थाओं को ही जारी रखने को कहा है । अगर 30 जून तक ठीक-ठाक रहा तो फिर पूरे शहर को राहत भी मिल सकती है। हालांकि अभी दाएं और बाएं के नियम अनुसार बाजार खुल रहा है । वर्तमान में लोगों में जागरूकता भी पहले की तुलना में अधिक आई है। इसके अलावा जो लोग नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं उन पर आर्थिक दंड भी किया जा रहा है।
सोमवार को भी उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह और पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह रविवार को बने नए कंटेंटमेंट एरिया मे थे। इस दौरान उन्होंने मरीजों के परिजनों से पूरी जानकारी हासिल की। इसके अलावा यह भी कहा कि जिला प्रशासन और पुलिस महकमा पीड़ित परिवार के साथ है लेकिन सरकारी गाइडलाइन का किसी भी कीमत पर उल्लंघन नहीं किया जाए।
अब नया दौर शुरू
उज्जैन में पिछले कुछ दिनों से लगातार कोरोना मरीजों की संख्या में कमी आ रही है जबकि सैंपल का प्रतिशत पहले की तुलना में काफी हद तक बढ़ा दिया गया है। ऐसा माना जा रहा है कि अब नया दौर शुरू हो गया है । अगर जुलाई का महीना पूरी तरह अच्छे से निकल गया तो फिर कोरोना के खिलाफ उज्जैन जंग जीत जाएगा। यही वजह है कि 3 महीनों तक सब्र कर सरकारी गाइडलाइन का पालन करने वाले लोगों को आने वाले कुछ दिनों तक और सतर्कता बरतना है।