नूरी के प्रवेश को लेकर आचार्य की “आपत्ति”

उज्जैन। सत्ता परिवर्तन के बाद पहली बार उज्जैन पहुंचे पूर्व  मुख्यमंत्री कमलनाथ ने महाकाल के दरबार में पूजा अर्चना की। इस दौरान कांग्रेस नेत्री नूरी खान में महाकालेश्वर मंदिर में मौजूद रही। उनकी मौजूदगी को लेकर महामंडलेश्वर आचार्य शेखर ने सवाल खड़े किए हैं । उन्होंने यह भी कहा कि महाकालेश्वर मंदिर समिति को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि गैर हिंदू महाकाल मंदिर में प्रवेश नहीं करें । इसके लिए उन्होंने कई तर्क भी दिए हैं ।सोशल मीडिया पर की गई इस पोस्ट को लेकर घमासान मच गया है। 

मंगलवार को मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ उज्जैन आए थे । उन्होंने भगवान महाकाल के दरबार में विधि विधान के साथ पूजन किया । सावन का महीना होने की वजह से भगवान महाकाल के दरबार में लगातार वीआईपी पहुंच रहे हैं। उनके साथ कांग्रेस नेत्री नूरी खान भी महाकाल मंदिर पहुंची थी। इस पूरे मामले को लेकर महामंडलेश्वर आचार्य शेखर ने तीखे सवाल खड़े कर दिए हैं । उन्होंने कहा कि जगन्नाथपुरी की तरह उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में भी गैर हिंदुओं का प्रवेश रोका जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सावन का पवित्र महीना चल रहा है और इस महीने में हिंदू धर्म के लोग काफी सावधानी बरतते हुए शिव की साधना करते हैं। सनातन धर्म पर विश्वास रखने वाले लोग किसी भी प्रकार की ऐसी वस्तु का सेवन नहीं करते हैं जो वर्जित बताई गई है जबकि गैर हिंदू ऐसी वस्तुओं का भी सेवन करते हैं जो सनातन धर्म के विपरीत है, इसलिए महाकालेश्वर मंदिर में गैर हिंदुओं का प्रवेश रोका जाना चाहिए । उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से भी उज्जैन कलेक्टर से मांग की है। इसके अलावा उन्होंने महाकालेश्वर मंदिर समिति को भी कड़ी चेतावनी दी है। आचार्य ने कहा कि अगर भविष्य में ऐसी घटना होती है तो हिंदू और साधु संतों की भावनाएं आहत होगी। उन्होंने यह भी कहा कि देश और विश्व में कई ऐसे धार्मिक स्थल है जहां पर हिंदुओं का प्रवेश निषेध है । ऐसी स्थिति में हिंदू धर्म के प्रमुख स्थलों पर भी गैर हिंदुओं का प्रवेश रोका जाना चाहिए।

इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस नेत्री नूरी खान ने कहा कि मैं उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर कोई पहली बार नहीं गई हूं। मैं भविष्य में भी जाती रहूंगी। उन्होंने यह भी कहा कि जिस पार्टी से ताल्लुक रखती हूं वह धर्मनिरपेक्ष है ।इसके अलावा मंगलवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता महाकालेश्वर मंदिर आए थे प्रोटोकॉल के वहां पहुंची थी ।उन्होंने कहा कि जो लोग विरोध कर रहे हैं उन्हें भी भाईचारे की बात करना चाहिए। 

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