बिना सोचे अत्यावश्यक सेवा पर हाथ डाल दिया प्रशासन ने
कार्रवाई महंगी पड़ी मासूम मरीज बच्चों पर
चिकित्सकों में आक्रोश, जताएंगे विरोध
(सूरज मेहता की कलम से)
उज्जैन। करे कोन ओर भरे कोन यह हाल है शहर के। माधवनगर क्षेत्र में शिशु रोग विशषज्ञ डॉक्टर के क्लीनिक पर चालानी कार्रवाई से चिकित्सकों ने भारी नाराजगी जताई है।
वाक़िए से आहत हुए डॉक्टर्स का कहना है कि सारी सावधानी रखने के बाद पेशेंट अगर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करे तो उसके लिए हम जिम्मेदार कैसे हुए।
फ्रीगंज क्षेत्र में डॉ प्रमोद कोशिक के क्लीनिक पर प्रशासनिक अधिकारी आलोक व्यास ने नियम उल्लंघन का हवाला देकर 2000 रुपए फाइन वसूल लिया। इस कार्रवाई से डॉक्टर साहब भडक गए। उनका तर्क है कि मैने नियम का उल्लंघन नहीं किया। गोले बनवा दिए , मरीज के परिजन गोले में नहीं खड़े रहे तो कोई क्या करे। पेशेंट के साथ आने वाले अगर गलती करे तो सजा गलती करने वाले को मिले। डॉक्टर कोशिक ने कहा मेरा काम मास्क पहनकर टेंपरेचर चेक करवाने तक है। कोई बच्चा कोरोना ग्रस्त हो तो उसे सही समय पर सचेत कर अस्पताल पहुंचाना है प्रशासन ने अगर ऐसे ही चिकित्सकों को बेवजह परेशान किया तो जब तक वायरस है क्लीनिक नहीं खोलना बेहतर होगा। क्या प्रशासन यह चाहता है कि शहर के क्लीनिक बन्द रखे जावें अगर ऐसा है तो कल से आदेश जारी करवा दे।
फिलहाल तो इस क्लीनिक बन्द होने से मासुम बच्चों की फ़जीहत हो गई है। देखना है आने वाले दिनों में यह मामला कितना तूल पकड़ता है। प्रशासन को अत्यावश्यक सेवा से पंगा लेना कितना भारी पड़ सकता है।