उज्जैन। अनलाॅक की प्रक्रिया शुरू होने के बाद उज्जैन की कैसे धीरे-धीरे तस्वीर बदल गई, इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि कोविड-19 के लिए तैयार किए गए माधव नगर अस्पताल में पेशेंट फूल हो गए हैं। इसके अलावा देवास रोड के अमलतास अस्पताल में भी मरीजों को लगातार भेजा जा रहा है।
मध्य प्रदेश के पांचवें नंबर के सबसे संक्रमित शहर उज्जैन में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है । शुक्रवार से उज्जैन में जिला प्रशासन के साथ-साथ पुलिस महकमा भी सड़क पर उतर गया है । शहर में जो भी बिना मास्क के सड़कों पर घूमेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने कहा कि मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा। कलेक्टर आशीष सिंह पहले ही कह चुके हैं कि अगर सख्ती के बावजूद लोगों ने लापरवाही बरती और सारी कोशिशें बेकार नहीं तो फिर लॉकडाउन लगाया जाएगा। दूसरी तरफ कोविड-19 स्पेशलिस्ट डॉक्टर एचपी सोनाने ने बताया कि लगातार बढ़ रहे कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या की वजह से माधव नगर का अस्पताल फुल हो गया है। अस्पताल में 60 फ़ीसदी कोरोना पॉजिटिव मरीज भर्ती हैं । इसके अलावा टेस्ट कराने और अन्य प्रकार की मेडिकल सुविधाओं के चलते लगभग अस्पताल फूल हो गया है । इसके अलावा अमलतास अस्पताल में भी मरीजों को भेजा जा रहा है। एक समय था जब उज्जैन में काफी कम संख्या में एक्टिव पेशेंट के लिए अधिकृत किए गए अस्पताल खाली पड़े हुए थे लेकिन एक बार फिर 10 दिनों में हालात बदल गए हैं।
रविवार को ही रहेगा कर्फ्यू – कलेक्टर
उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि रविवार को कर्फ्यू रहेगा इस दौरान कोई भी सड़क पर दिखाई नहीं देगा। उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि लोगों को सावधान रहने की जरूरत है। बाजार में सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क के नियमों का सख्ती से पालन कराया जा रहा है । ऐसा नहीं करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है। इसके बाद भी अगर स्थिति नहीं सुधरी तो अंतिम विकल्प के रूप में लॉकडाउन लगाया जा सकता है। इसका सीधा मतलब है कि उज्जैन कलेक्टर ने लॉकडाउन नहीं लगाने की बात से इंकार नहीं किया है।