उज्जैन । उज्जैन की केंद्रीय जेल भेरूगढ़ के अंदर कोरोना पहुंच गया है। इस खबर ने पूरे जेल प्रशासन में खलबली मचा दी है। पहले जेल का प्रहरी कोरोना पॉजिटिव निकला था। इसके बाद अब बैरक नंबर 4 का एक कैदी पॉजिटिव आया है। अब जेल का पूरे स्टाफ का कोरोना टेस्ट होगा। इसके अलावा जेल के अंदर भी सैनिटाइजेशन से लेकर अन्य इंतजाम किए जा रहे हैं।
जिसका डर था वही हुआ.. कोरोना केंद्रीय जेल भेरूगढ़ के अंदर दाखिल हो गया है। वर्तमान में केंद्रीय जेल भेरूगढ़ में 21 सौ से ज्यादा बंदी निरुद्ध है । ऐसी स्थिति में बैरक नंबर 4 में बंद एक कैदी पॉजिटिव आया है । उसे उपचार के लिए पहले ही जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया गया था लेकिन पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद उसे माधवनगर में शिफ्ट कर दिया गया है। जिस बैरक में कोरोना पॉजिटिव मरीज रहा था , उस बैरक में 67 बंदी रहते हैं ।
गौरतलब है कि एक दिन पहले ही केंद्रीय जेल भेरूगढ़ का एक जेल प्रहरी भी पॉजिटिव आया था। इसके बाद एक और बड़ा मामला सामने आ गया ।बताया जाता है कि जेल अधीक्षक अलका सोनकर पिछले दिनों पारिवारिक कार्य से छुट्टी पर गई हुई थी। इस दौरान ही केंद्रीय जेल भेरूगढ़ के अंदर कोरोना दाखिल हो गया। जेल अधीक्षक ने बताया कि वे 4 दिन पहले ही छुट्टी से लौटी है । उनके बंगले का एक सिपाही कोरोना पॉजिटिव आया था, जिसके बाद वे भी जेल के अंदर दाखिल तक नहीं हुई । इसी बीच एक बंदी के कोरोना पॉजिटिव आने की खबर पूरे जेल प्रशासन को हिला कर रख दिया है।
जेल अधीक्षक ने बताया कि उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह से उनकी बात हो गई है। शनिवार को स्वास्थ्य विभाग की एक टीम परीक्षण के लिए जेल आएगी । उन्होंने बताया कि जेल में लगभग 200 कर्मचारियों और अधिकारियों का स्टाफ है। सभी का कोरोना टेस्ट कराया जाएगा। जो बंदी कोरोना पॉजिटिव निकला है उसकी हिस्ट्री की जांच की जा रही है । गौरतलब है कि केंद्रीय जेल में काफी अच्छे इंतजाम किए गए थे। इसी वजह से अभी तक जेल में कोरोना दाखिल नहीं हो पाया लेकिन अब कोरोना जेल में भी हड़कंप मचा दिया है।
1 साल से बाहर नहीं निकला कैदी
जेल अधीक्षक अलका सोनकर ने बताया कि जिस बंदी को कोरोना पॉजिटिव आया है, वह 1 साल से जेल से बाहर नहीं निकला है। ऐसे में या तो जेल का कोई स्टाफ संक्रमित रहा होगा या फिर जो मेडिकल स्टाफ जांच करने के लिए आता है। उनमें से किसी के जरिए संक्रमण फैला है, इसकी जांच की जा रही है।