उज्जैन। उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह अपने संक्षिप्त प्रशासनिक केरियर में सबसे लोकप्रिय और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारियों में इसलिए भी गिने जाते हैं, क्योंकि वे सरकार द्वारा दिए गए दायित्व पूरी क्षमता के साथ निभाते हैं, इसके एक दो नहीं बल्कि कई उदाहरण देखने को मिलते हैं। शनिवार- रविवार की दरमियानी रात भी उज्जैन कलेक्टर ने जब तक बाढ़ ग्रसित लोगों को रेस्क्यू ऑपरेशन के जरिए बाहर नहीं निकलवा दिया, तब तक वे अपने निवास के लिए रवाना नहीं हुए.. सब की खैरियत पूछने के बाद ही वे सोने के लिए गए।
उज्जैन और इंदौर में लगातार हो रही बारिश के कारण शहर के कुछ इलाके बाढ़ ग्रसित हो गए हैं, इनमें सुदर्शन नगर, शांति नगर और एकता नगर विशेष रूप से ज्यादा प्रभावित है। उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने शनिवार-रविवार की दरमियानी रात तीनों इलाकों का भ्रमण किया और बाढ़ ग्रसित इलाकों में फंसे लोगों को बाहर निकलवाया। जब तक पूरा रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म नहीं हुआ, तब तक उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह तीनों क्षेत्र पर खुद जाकर निगाह रखे हुए थे ।उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह सभी बाढ़ पीड़ित लोगों को बाहर निकलवा कर वहां से बंगले के लिए रवाना हुए। प्रशासनिक अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक बाढ़ ग्रसित कुछ लोगों को मॉडल स्कूल में ठहराया गया है जबकि कुछ लोगों को एक धर्मशाला में भी रखा गया है । अधिकारियों के अनुसार यदि कोई भी बाढ़ ग्रस्त इलाके में फंसा हो तो वह नगर निगम कंट्रोल रूम, पुलिस कंट्रोल रूम पर भी सूचना दे सकता है। उज्जैन में जिला प्रशासन और नगर निगम द्वारा सूचना मिलते ही रेक्स्यू चलाया जा रहा है।
शराबी होमगार्ड का अधिकारी होगा निलंबित
जब शहर के कुछ इलाकों में बाढ़ आने पर लोग जीवन और मौत के बीच संघर्ष कर रहे थे ,उस समय होमगार्ड का एक अधिकारी शराब के नशे में चूर होकर घर पर आराम कर रहा था । जब उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने दूरभाष पर अधिकारी से संपर्क किया तो उससे बातचीत में संतोषजनक जवाब नहीं मिला। इसके बाद पुलिस का एक दल होमगार्ड के अधिकारी के इंदौर रोड स्थित मकान पर पहुंचा । पुलिस विभाग का दल अल्कोहल डिटेक्टर लेकर अधिकारी के घर पहुंचा था। इस बात की जानकारी होमगार्ड के अधिकारी को शायद लग गई इसलिए उसने अपने मकान का दरवाजा नहीं खुला और मोबाइल भी बंद कर दिया। संभवत: रविवार सुबह उक्त अधिकारी का निलंबन पक्का है।