रतलाम/जावरा। जब भी सरकार माफियाओं के खिलाफ अभियान के निर्देश जारी करती है, तब सबसे पहले ध्यान भू माफियाओं की ओर जाता है लेकिन भू माफियाओं के साथ इतने रसूखदार लोग जुड़े होते हैं कि उन पर हाथ डालना आसान नहीं होता है, मगर आज भी कुछ ऐसे आईएएस और आईपीएस अधिकारी है जो सभी को एक ही निगाह से देखते हैं.. जब सभी को एक ही निगाह से देखने का पैमाना होता है तो फिर रसूखदार लोग कार्रवाई से नहीं बच पाते हैं .. ऐसा ही कुछ रतलाम जिले के जावरा में चल रहा है.. जहां आईएएस और आईपीएस अधिकारियों ने माफियाओं की नींद हराम कर दी है।
जावरा के इतिहास में पहली बार माफियाओं के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई हो रही है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि रसूखदार माफियाओं के खिलाफ एफ आई आर दर्ज की जा रही है। इस पूरी कार्रवाई में सबसे अहम भूमिका रतलाम कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी के साथ साथ जावरा के अनुविभागीय अधिकारी और आईएएस राहुल नामदेव धोंटे की है।
जावरा के लोगों का दर्द समझा..
अनुविभागीय अधिकारी राहुल धोंटे ने बताया कि जावरा में लगभग 85000 लोगों की आबादी है। इनमें से काफी बड़ी संख्या में लोग अवैध रूप से बनाई गई कालोनियों में निवास कर रहे हैं, जहां पर वह नारकीय जीवन जीने को मजबूर है ।लोगों का दर्द जब उन तक पहुंचा तो उनसे रहा नहीं गया। इसके बाद ऐसे माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की रणनीति बनाई गई जो गरीब लोगों को धोखा देकर अवैध कालोनियों के जरिए कुबेर पति बन गए और भूखंड धारियों को सुविधाएं मुहैया नहीं कराई। सूत्रों के मुताबिक इसी कड़ी में सत्तारूढ़ पार्टी के अलावा राजनीति से जुड़े भी कई लोग के नाम सामने आए । आईएएस अधिकारी श्री धोंटे ने सभी के खिलाफ निष्पक्ष रूप से कार्रवाई के निर्देश जारी किए।
पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष पर भी कार्रवाई
जावरा में 6 कॉलोनाइजर के खिलाफ 10 एफ आई आर दर्ज की गई है। इनमें पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष अनिल दसेड़ा सहित उनसे जुड़े कुछ लोग भी शामिल है। इसके अलावा भाजपा नेता राहुल सहित अन्य पर भी मुकदमा दर्ज किए गए हैं ।आरोपियों के खिलाफ कालोनाईजर एक्ट के तहत धोखाधड़ी की धाराओं में भी कार्रवाई की गई है, जिनमें 7 साल तक की सजा का प्रावधान है।
माफिया को बर्दाश्त नहीं करेंगे- श्री धोंटे
जावरा के अनुविभागीय अधिकारी और आईएएस अधिकारी राहुल नामदेव धोंटे दबंग अधिकारियों में गिने जाते हैं , उनके ही कार्यकाल में जावरा में माफियाओं के 21 ढाबे तोड़े गए थे ।बताया जाता है कि जावरा में जितना डर पुलिस का है उतना ही डर इन आईएएस अधिकारी का भी है। आमतौर पर पुलिस विभाग के अधिकारियों से माफिया डरते हैं लेकिन यहां पर राजस्व विभाग के अधिकारी भी माफियाओं पर कहर बनकर टूट रहे हैं।