उज्जैन। धार्मिक नगरी उज्जैन में कानून व्यवस्था के साथ-साथ बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा तथा सुरक्षा का ध्यान रखने के अलावा अवैधानिक रूप से चलने वाले गोरखधंधा पर नकेल कसना पहली प्राथमिकता रहेगा.. पुलिस का आम लोगों के बीच विश्वास बढ़े तथा अपराधियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो सके, इसे लेकर कदम उठाए जाएंगे।
यह प्राथमिकताएं नवागत पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र कुमार शुक्ला की रहेगी। शहडोल से स्थानांतरित होकर उज्जैन आ रहे नवागत पुलिस अधीक्षक मंगलवार की शाम तक चार्ज लेंगे। उल्लेखनीय है कि पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह पिछले दिनों कोरोना से ग्रसित हो गए थे इसके बाद उन्हें लगभग एक महीना तक अस्पताल में उपचार कराना पड़ा, जिसकी वजह से पुलिस और नगर निगम के अस्थाई कर्मचारियों की सांठगांठ से जहरीली शराब का गोरख धंधा शुरू हो गया था।
पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने पद पर रहते हुए काफी कड़ी मेहनत की थी लेकिन 1 महीने की छुट्टी का फायदा अपराधियों ने खूब उठाया । इसी का खामियाजा पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह को उठाना पड़ा। पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह को भोपाल भेज दिया गया है । उनके स्थान पर बड़ी जिम्मेदारी आईपीएस अधिकारी सत्येंद्र कुमार शुक्ला को मिली है ।
विपरीत परिस्थितियों में शिवराज सरकार ने बड़ी जिम्मेदारी देकर श्री शुक्ला को फ्रीहैंड कार्य करने के आदेश दिए है। ऐसे में अपराधियों के खिलाफ और भी सख्त कार्रवाई हो सकेगी। श्री शुक्ला सोमवार को शहडोल से रिलीव होंगे। संभावना है कि मंगलवार देर शाम तक नवागत पुलिस कप्तान चार्ज ले सकते हैं।
निष्पक्ष कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं श्री शुक्ला
साल 1995 के राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी सत्येंद्र कुमार सेला शुक्ला अपने निष्पक्ष कार्यशैली के रूप में जाने जाते हैं ।उनकी दबंगई की किस्से राजनीतिक हलकों में भी काफी मशहूर है। उन्होंने एक बार एक मंत्री को हिरासत में ले लिया था । अपनी मेहनत के बलबूते पर राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी सत्येंद्र कुमार शुक्ला पदोन्नत होकर भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी बन गए। इसके बाद शहडोल सहित कई जिलों में सफलतापूर्वक कार्य कर चुके हैं। इसी के चलते उन्हें संभागीय मुख्यालय उज्जैन की बड़ी जिम्मेदारी मिली है।