उज्जैन। उज्जैन के जिस पाटीदार अस्पताल में आग लगी वह कोरोना मरीजों से हाउसफुल था ? इस सवाल का जवाब ढूंढने के लिए जिला प्रशासन द्वारा आंकड़े खंगाले जा रहे हैं । यह तो गनीमत रही कि उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने मौके पर पहुंचकर तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू करवाया और आधे घंटे के अंदर सभी मरीजों को सुरक्षित अस्पतालों में शिफ्ट करवा दिया गया, नहीं तो यह हादसा बहुत बड़ा रूप धारण कर सकता था।
रविवार को उज्जैन के पाटीदार हॉस्पिटल में शॉर्ट सर्किट के चलते अचानक आग लग गई। आगजनी की घटना आईसीयू वार्ड के समीप वाले वार्ड में हुई । इससे पूरे अस्पताल परिसर में धुआं ही धुआं फैल गया। फायर ब्रिगेड की दमकल के साथ-साथ पुलिस और जिला प्रशासन की टीम ने मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। आधे घंटे के भीतर सभी 80 मरीजों को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया । इस घटना में चार मरीज झुलसे है , जिनका निशुल्क इलाज कराने की घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा की गई है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर उज्जैन जिला प्रशासन के रेस्क्यू ऑपरेशन की भी तारीफ की है । इस पूरे मामले में अस्पताल प्रबंधन की ओर से जो आंकड़े सामने आ रहा है, वह चौकानेवाले हैं । अस्पताल में कुल 80 मरीज भर्ती थे इनमें से कोरोना के मरीजों का एक बड़ा आंकड़ा सामने आ रहा है। उज्जैन एसडीएम गोविंद कुमार दुबे के मुताबिक अस्पताल प्रबंधन द्वारा 80 में से 62 मरीजों के कोरोना से रिलेटेड होने की जानकारी दी गई। बाद में यह भी कहा गया कि कुछ लोग नेगेटिव आए हैं तथा कुछ कोरोना संक्रमित है, इसके अलावा कुछ मरीज कोरोना के संदिग्ध है। इस पूरे आंकड़े की खोजबीन की जा रही है। संभवत: शाम तक औपचारिक आंकड़ा सामने आ जाएगा लेकिन जिस प्रकार से उज्जैन में कोरोनावायरस बढ़ रहा है, उससे अस्पतालों के भी हाथ पैर फूल रहे हैं ।
उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने मौके पर पहुंचकर यह भी बताया कि अस्पताल को जल्द ही शुरू करवाने के इंतजाम भी किए जाएंगे। इसके अलावा ऐसी घटना भविष्य में न हो इसके लिए भी कदम उठाए जाएंगे । दूसरे अस्पतालों में भी सुरक्षा प्रबंधों को लेकर अलग जांच की जा रही है।