उज्जैन/इंदौर। लाख प्रयासों के बावजूद जिस कोरोना से फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन भी संक्रमित हो गए। इस कोरोना से जंग जीतने की प्रेरक कहानी उज्जैन और इंदौर के कलेक्टर है, जो दिन-रात संक्रमण के बीच रहकर भी कोरोना से जंग जीत रहे है.. ऐसे अधिकारियों से सभी को सीखने की जरूरत है।
मध्य प्रदेश के चार संक्रमित शहरों में उज्जैन और इंदौर का नाम भी अव्वल दर्जे पर है । उज्जैन और इंदौर में पुलिसकर्मियों से लेकर आईपीएस अधिकारी और पटवारी से लेकर आईएएस अधिकारी संक्रमण से नहीं बच पाए । कई अधिकारियों को संक्रमण ने अपनी चपेट में ले लिया। हालांकि कोरोना होने के बाद भी कई अधिकारियों ने जागरूकता और मुस्तैदी के साथ कोरोना से जंग जीत ली। हालांकि कुछ कर्मचारी और अधिकारी शहीद तक हो गए। इन सबके बीच अगर बात की जाए इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह और उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह की तो यह आश्चर्य से कम नहीं है कि दोनों भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी दिन-रात संक्रमण के बीच रहकर भी कोरोना उनको छू तक नहीं पाया है। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह यह है कि उक्त दोनों अधिकारी कभी भी बिना मास्क के कहीं भी दिखाई नहीं देते हैं। इसके अलावा दोनों अधिकारी लगातार सैनिटाइजर का उपयोग करते हुए भी देखे जा सकते हैं ।
उल्लेखनीय है कि पूर्व पुलिस अधीक्षक उज्जैन मनोज सिंह भी संक्रमण की चपेट में आ गए थे, उस समय काफी दिनों तक उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह उनके उनके संपर्क में रहे मगर मास्क और सैनिटाइजर की वजह से संक्रमण से बचे रहे। इसी तरह पूर्व संभाग आयुक्त आनंद शर्मा भी संक्रमित वाहन चालक के साथ सैकड़ों किलोमीटर का सफर कर आए मगर उन्हें भी संक्रमण छू नहीं पाया। इसके पीछे भी मास्क ही सबसे बड़ी वजह रही। इन सच्ची घटनाओं से सबक लेकर मास्क और सेनीटाइजर तथा साबुन का भरपूर उपयोग कर कोरोना से जीती जा सकती है।
पीपीई किट पहनकर संक्रमण की दहलीज पर पहुचें
उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह की बात की जाए तो मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के पहले से आईएएस अधिकारी हैं जो पीपीई किट पहनकर कोरोना पॉजिटिव मरीजों के बीच 1 घंटे का समय बिता कर लोट आए। मतलब साफ है कि सावधानी बरतकर उन्होंने संक्रमण की दहलीज तक छू ली, मगर संक्रमण उन्हें नहीं छु पाया। अगर हम उज्जैन कलेक्टर की दिनचर्या की बात करें तो वे अच्छे खासे खिलाड़ी है। टेनिस और रनिंग के साथ-साथ दिनचर्या के व्यायाम भी करते हैं। इसके अलावा खानपान का भी विशेष ध्यान रखते हैं। उल्लेखनीय है कि उज्जैन में जनप्रतिनिधियों की बात करें तो पार्षद से लेकर मंत्री तक भी संक्रमित हो गए हैं, मगर सधी हुई दिनचर्या के चलते संक्रमण के बीच रहकर भी अधिकारियों ने जंग जीत ली। यहां यह भी बताना चाहेंगे कि उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह लगभग प्रतिदिन होम क्वारेंटाईन मरीजों से भी मिलने जाते हैं।
खेल, मेहनत और सावधानी ने कोरोना से बचाया
इसी प्रकार अगर इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह की बात की जाए तो मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा खतरा अगर किसी शहर पर है तो वह इंदौर में है । इंदौर अभी मध्य प्रदेश के संक्रमित शहरों में नंबर वन पर है । इंदौर में संक्रमण रोकने के लिए आईएएस अधिकारी मनीष सिंह पूरी ताकत लगा रहे हैं। इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह भी टेनिस के जोरदार खिलाड़ी हैं और वे भी सधी हुई दिनचर्या के साथ-साथ सावधानी बरतने में काफी सक्रिय रहते हैं। यही वजह है कि इंदौर जैसे संक्रमित शहर में भी कलेक्टर मनीष सिंह से कोरोना दूर भाग रहा है।