उज्जैन। उज्जैन में जहां एक तरफ माफियाओं के खिलाफ अभियान चलाकर शिवराज सरकार ने जनता का विश्वास जीत लिया है, वहीं अब लोगों को ऐसी उम्मीद है कि सरकारी माफिया पर भी सरकार नकल कसेगी। उज्जैन के पंजीयन कार्यालय में ऐसा सरकारी माफिया गिरोह सक्रिय है जो करोड़ों रुपए के राजस्व की हानि पहुंचा रहा है। इस पूरे मामले को लेकर उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह से उम्मीद है कि वे इस माफिया का पर्दाफाश करते हुए दोषियों को सलाखों के पीछे पहुंचाएंगे।
उज्जैन के पंजीयन कार्यालय में हाल ही में लोकायुक्त पुलिस ने छापामार कार्रवाई करते हुए बड़ा खुलासा किया है । यहां पर सालों से नारायण नामक एक चपरासी बाबू का कार्यभार संभाल कर लाखों रुपए इधर से उधर कर रहा था। पंजीयन कार्यालय के सूत्रों की माने तो नारायण महज एक छोटी मछली है , अभी इस दफ्तर में कुछ मगरमच्छों का असली रूप सामने आना बाकी है। उज्जैन के पंजीयन कार्यालय में करोड़ो रूपयों राजस्व की हेराफेरी हो रही है। इस पूरे मामले की जानकारी छन-छनकर निकल कर सामने आ रही है । पूरे मामले में उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह से उम्मीद है कि प्राइवेट के साथ-साथ सरकारी माफिया पर भी अंकुश लगाएंगे, ताकि सरकार को हो रहे करोड़ों रुपए के राजस्व के नुकसान को बचाया जा सके ।
उज्जैन के पंजीयन कार्यालय में भ्रष्टाचार की कहानी कोई नई नहीं है। यहां पर खुलेआम सौदेबाजी होती है । पूर्व में भी पंजीयन कार्यालय की कई शिकायतों के आधार पर कुछ अधिकारियों को हटाने के साथ साथ निलंबित भी किया गया है । पंजीयन कार्यालय में लोकायुक्त पुलिस की कार्रवाई के बाद उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह यहां की शिकायतों और भी गंभीरता से विचार कर रहे हैं । ऐसी उम्मीद की जा रही है कि पंजीयन कार्यालय में सक्रिय एक बड़े सिंडिकेट का खुलासा होने वाला है। उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह सरकारी माफिया पर भी नकेल कसने में अव्वल दर्जे के आईएएस अधिकारी है।