अभ्यास मंडल ने 63वें स्थापना दिवस पर लिया संकल्प
शहरवासियों के सहयोग से एक साल में इंदौर को
जल प्रबंधन में भी नंबर वन का खिताब दिलाएंगे
कीर्ति राणा
इंदौर। अभ्यास मंडल ने अपना 63 वां स्थापना दिवस शहर के प्रबुद्धजनों के साथ 63 दीप प्रज्जवलित कर मनाया।सांसद शंकर लालवानी की मौजूदगी में जब अभ्यास मंडल ने 63 वें साल में जल प्रबंधन की दिशा में काम करने और शहरवासियों की भागीदारी से इंदौर को इस क्षेत्र में भी नंबर वन का खिताब दिलाने का संकल्प लिया तो सांसद ने भी विश्वास दिलाया इस काम में संबंधित विभाग के अधिकारियों से आपसी सहमति बनवाने के साथ ही शासन स्तर पर भी समन्वय की दिशा में सहयोग करेंगे।उन्होंने 16-17 सितंबर को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के इंदौर आगमन की जानकारी देने के साथ ही अभ्यास मंडल को आमंत्रित भी किया।
प्रेस क्लब सभागार में 63 वें स्थापना दिवस पर जल प्रबंधन में शहर को नंबर वन बनाने के लिए सांसद लालवानी के हाथों जारी किए गए स्टीकर में जल-मल प्राधिकरण का गठन, जल संग्रहण, जल उपचार एवं पुनर्पयोग, पेयजल की गुणवत्ता, उचित जल दर निर्धारण, डबल पाइप लाइन सिस्टम, जल ऑडिट और मीटरिंग की दिशा में अभ्यास मंडल शहरवासियों के साथ मिलकर जनजागरण के लिए चरणबद्ध कार्य करेगा ताकि राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारी से मुंह ना मोड़ सके। उपाध्यक्ष अशोक कोठारी ने इस वर्ष चलाए जाने वाले जल प्रबंधन संकल्प की जानकारी दी।उन्होंने बताया कि
एक एक हजार घंटे की स्टडी से तैयार किया प्रतिवेदन सरकार को दिया है।शहरवासियों को साथ लेकर पानी की बूंद बूंद सहेजने के लिए साल भर काम करेंगे।अध्यक्ष रामेश्वर गुप्ता ने इस संकल्प को सिद्ध करने में सभी संगठनों से सहयोग का अनुरोध किया।
19 साल पहले दिग्विजय सिंह ने रिपोर्ट पर चर्चा की लेकिन बात आगे नहीं बढ़ी-अजीत सिंह नारंग
मालवा चैंबर ऑफ कामर्स अध्यक्ष अजीत सिंह नारंग ने जल प्रबंधन के संबंध में अध्रययन दल के निष्कर्षों का जिक्र करते हुए कहा भारत में सबसे महंगा पानी इंदौर में मिल रहा है।पानी की हो रही दुर्दशा चिंता का विषय। अध्ययन दल ने चाइना, ब्रिटेन, आस्ट्रेलिया, स्पेन, इजरायल आदि देशों में पानी संरक्षण का अध्ययन पश्चात यह रिपोर्ट तैयार की है।इस रिपोर्ट को बनाने में सांसद लालवानी पहले से जुड़े रहे हैं।17 मई 2002 में तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के निवास पर इस रिपोर्ट पर चर्चा के साथ पॉवर प्रेजेंटेशन भी दिया था।मुख्य सचिव सहित सभी वरिष्ठ अधिकारी बैठक में मौजूद थे।तब पानी के प्रबंधन के अभाव में साल में 26 करोड़ का घाटा था था जो 2017 में बढ़कर में 240 करोड़ तक पहुंच गया।
जल प्रबंधन की खामियां दो चरण में सुधार सकते हैं।
पहले चरण में सबसे पहले लीकेजेस और लॉसेस रोके जाने चाहिए।लीकेज से, जल-मल मिलने से बीमारियां फैलती है। दूसरे चरण में मीटरिंग लागू की जाए, पानी की टंकी निर्माण-डिजाइन में सुधार जरूरी है ताकि पहले से आखिर घर तक एक समान प्रेशर मिले। टंकी पर मीटर के साथ ही घरों पर मीटर लगाए जाने से पानी वितरण के साथ ही पानी का हिसाब भी पता चल सकेगा किस स्तर पर गड़बड़ी हो रही है।आज की स्थिति में हर वर्ष 60-70
करोड़ का बर्बाद हो रहा है।द्वितीय चरण में नर्मदा से 50 प्रश पानी कैसे आ सकता है, इस दिशा में रिचार्जिंग, रिसाइकिलिंग, जल बचत की दिशा में काम करना होगा।सांसद लालवानी के सहयोग से इस प्रोजेक्ट को शासन के समक्ष रख सकते हैं।जल की बर्बादी को रोकने में शासन का सहयोग मिले तो जलप्रबंधन में भी इंदौर को नंबर वन कर के दिखाएंगे।
रूफ वॉटर हार्वेस्टिंग के लिए लोगों पर दबाव बनाने से बेहतर है
लीकेजेस को रोका जाए-मुकेश चौहान
पूर्व मुख्य अभियंता मुकेश चौहान ने कहा रूफ वॉटर हारवेस्टिंग अधिक फायदेमंद नहीं।इसमें 20-30 एमएलडी पानी आएगा। पब्लिक को परेशान करने का एक और जरिया नगर निगम को मत दीजिए। इससे बेहतर होगा कि लीकेजेस को रोका जाए। जल शक्ति मिशन में हर घर को नल क्यों नहीं दे सकते।घरों में जब नलों से पानी मिलने लगेगा तो लोग जमीन का पानी क्यों निकालेंगे, ट्यूबवेल पर निर्भरता स्वत: कम होती जाएगी।
800 किमी लंबी-भूमिगत स्टार्म लाइन पर राशि खर्च करने से बेहतर है सरफेस ड्रेनेज अधिक महत्वपूर्ण है। नाला टेपिंग कर के ड्रेनेज सरफेस को रोक दिया। पानी को रोको मत, जाने दो।पानी को नाले में जाने दो। अंडर ग्राउंड स्टार्म लाईन शहर के हित में नहीं है।
कुए-बावड़ियों की सफाई के साथ ही नए तालाबों के निर्माण पर सोचना चाहिए-डॉ ओपी जोशी
पर्यावरणविद् डॉ ओपी जोशी ने कहा तालाबों का सीमांकन और संरक्षण करने पर काम होना चाहिए। इसके साथ ही नए तालाबों के निर्माण पर सोचना चाहिए। कुएं-बावड़ी साफ की जाए। वेटलैंड भूमि का संरक्षण किया जाए। स्कूल-कॉलेज के विद्यार्थियों को जल प्रबंधन से जोड़े। पुरी शहर की तरह क्यों नहीं इंदौर में शुद्ध वॉटर उपलब्ध करा सकते। मुंबई में आबिद सुरती ने अपनी टीम के साथ घरों में नलों के लीकेज दुरुसत करने का अभियान चला रखा है अपने शहर में आबिद सुरती क्यों नहीं पैदा कर सकते।
बिना शासकीय अनुदान के 63 साल से चल रहे अभ्यास मंडल ने विश्वसनीय संस्था के रूप में पहचान बनाई
अभ्यास मंडल के 63 वें स्थापना दिवस पर प्रबुद्धजनों ने शहर हित में किए गए कार्यों का जिक्र किया। साथ ही कहा कि शासन से आर्थिक सहयोग लिए बिना जो काम किए हैं उससे इंदौर के विकास को गति तो मिली ही है, विश्वसनीय संस्था के रूप में पहचान भी बनी है।
“ घर-नौकरी के बाद बचे समय में सदस्य अभ्यास मंडल के काम में लग जाते हैं।नर्मदा आंदोलन, बाल मेले, नदियों का पुनरुद्धार आमजन के सहयोग से किया है।टीम काम करती है, पदाधिकारी वाला अहं नहीं है।पहली बार ‘उड़ान’ पत्रिका निकाली, हबीब बेग को पत्रिका निकालने का श्रेय है।जल प्रबंधन में भी इंदौर नंबर वन बने यह कर के दिखाएंगे। -शिवाजी मोहिते