उज्जैन में एमपी की सबसे बड़ी कार्रवाई..

उज्जैन। उज्जैन ही नहीं बल्कि मध्य प्रदेश के इतिहास में सबसे बड़ी जब्ती की कार्रवाई उज्जैन पुलिस ने की है। उज्जैन पुलिस ने कार बाजार में छापा मारकर दूसरे राज्यों की ढाई सौ से ज्यादा कारों को ज़ब्त कर लिया है। इस पूरे मामले में बड़ा झोल निकलने की आशंका है।
उज्जैन में पिछले कुछ समय में कार बाजार कुकुरमुत्ते की तरह फेलें है। उज्जैन में इंदौर से भी ज्यादा कार बाजार देखने को मिल रहे थे। पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र कुमार शुक्ल ने जब कार बाजार का वेरिफिकेशन करवाया तो यहां पर अधिकांश गाड़ियां गुजरात और महाराष्ट्र की निकली। जब कार बाजार संचालक से दस्तावेज मांगे तो वे बगले झांकने लगे। इस पूरे मामले में 253 कारों को जब्त किया गया है। उज्जैन पुलिस यह अभी तक की सबसे बड़ी जब्ती है। जब तक गाड़ियों के दस्तावेज पुलिस वेरीफाई नहीं करती है तब तक इन गाड़ियों को जब्ती में ही रखा जाएगा।
कार से चोरी करने वाले पकड़ाएं तो फिर कारों की तरफ गया ध्यान- उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों उज्जैन पुलिस ने बलेनो कार से चोरी करने वाले दो बदमाश पकड़े थे। दोनों बदमाश कार लेकर चोरी की वारदात को अंजाम देने जाते थे। इसके बाद कारों की तरफ ध्यान आकर्षित हुआ। इसके पश्चात पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र कुमार शुक्ल और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ रविंद्र वर्मा, अमरेंद्र सिंह ने टीम बनाकर कार बाजार की चेकिंग करवाई।

बिना दस्तावेज के हो रहा था करोड़ों का खेल- जब उज्जैन पुलिस ने चिमनगंज मंडी, नीलगंगा, माधव नगर, नागझिरी थाना क्षेत्र में छापामार कार्रवाई की तो यहां पर करोड़ों रुपए कीमत की गाड़ियां तो मिल गई लेकिन खुद को कार बाजार का संचालक बताने वाले व्यापारियों के पास गाड़ियों के दस्तावेज नहीं मिले। यह अपने आप में चौंकाने वाली बात रही। खासतौर पर जब गाड़ियों की खरीद-फरोख्त होती है तो सबसे पहले दस्तावेज ही लिए जाते हैं।
एसपी को आशंका-  पुलिस अधिकारियों को आशंका है कि कुछ गाड़ियां फाइनेंस की होकर बिना किश्त चुकाएं गलत तरीके से उज्जैन पहुंची है। इसके अलावा अन्य गड़बड़ियों की आशंका भी दस्तावेज नहीं मिलने से बनी हुई है। इस संबंध में आरटीओ कार्यालय में भी पुलिस पत्र लिखकर फाइनेंस और दूसरे राज्यों से लाई गई गाड़ियों के संबंध में जानकारी हासिल कर रही है।
छोटे कार बाजार से गाड़ियां गायब- शहर के 21 बड़े कार बाजार पर पुलिस की कार्रवाई होने के बाद उन छोटे छोटे कार बाजार से गाड़ियां गायब हो गई, जहां पर दो-तीन कार लाकर बेची जाती थी। अब ऐसे लोग भी शिकायत करने पुलिस के सामने आ सकते हैं जिनके साथ वाहन खरीद-फरोख्त के समय दस्तावेज नहीं देते हुए धोखाधड़ी हुई है।

 

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