कॉलोनाइजर के साथ कॉलोनी का नंबर भी लगा..

उज्जैन। उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह के नेतृत्व में सिंहस्थ मेला क्षेत्र में कॉलोनी काटने वालों के खिलाफ अभी तक का सबसे बड़ा अभियान शुरू कर दिया गया है। इस अभियान में कॉलोनाइजरों के साथ-साथ कालोनियों का नंबर भी शुरू हो गया है । सिंहस्थ मेला क्षेत्र में साल 2016 के बाद काटी गई कॉलोनी पर जिला प्रशासन और नगर निगम के माध्यम से बड़ी कार्रवाई होने जा रही है। इस कॉलोनी का सबसे पहला नंबर लग रहा है, उसकी खबर विस्तार पूर्वक देखिए। 

उज्जैन में सिंहस्थ मेला क्षेत्र को भू माफियाओं ने कमाई का एक बढ़िया जरिया बना रखा था। यहां पर सस्ती जमीन लेकर आसानी से कालोनियां विकसित की जा रही थी। पूर्व में कई बार तत्कालीन कलेक्टर ने इस गोरखधंधे को रोकने की कोशिश की मगर हर बार भू माफियाओं ने नए नए तरीके अपना लिए । पूर्व कलेक्टर मनीष सिंह ने ठोस कार्रवाई करते हुए पंजीयन कार्यालय में सिंहस्थ मेला क्षेत्र की जमीनों के पंजीयन पर रोक लगा दी थी। उन्होंने अपने पत्र में स्पष्ट रुप से लिखा था कि यदि किसान खेती के लिए सिंहस्थ मेला क्षेत्र में जमीन खरीदना चाहे तो उसे छूट हे मगर 500 से 1500 स्क्वायर फीट के भूखंड की पृथक से रजिस्ट्री नहीं की जाए। इसके अलावा सिंहस्थ मेला कार्यालय की ओर से भी लगातार अतिक्रमण को लेकर रोकने को लेकर प्रयास किए गए। यहां तक कि सिंहस्थ मेला क्षेत्र में सूचना संकेतक भी लगाए गए मगर हर बार कुछ स्वार्थी अधिकारियों की वजह से भू माफिया अपने मंसूबों में कामयाब हो गए। सिंहस्थ मेला क्षेत्र में साल 2016 के बाद आधा दर्जन कालोनियों काटी गई। इनमें कई कालोनियां अब सामने आई है । निगम अधिकारियों के मुताबिक मकोडिया नाके से कुछ ही दूरी पर स्थित गुलमोहर कॉलोनी भी सिंहस्थ मेला क्षेत्र में विकसित की गई थी।  इस कॉलोनी के रहवासियों को नोटिस जारी कर दिए गए हैं । उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा है कि सिंहस्थ मेला क्षेत्र में 1 इंच जमीन पर भी अतिक्रमण नहीं छोड़ा जाएगा जो अतिक्रमण साल 2016 के बाद हुआ है, उसे नेस्तनाबूद कर दिया जाएगा। 

उज्जैन कलेक्टर की पहली प्राथमिकता पारदर्शिता

उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह के नेतृत्व में जो भी अभियान चलाया उसकी पहली प्राथमिकता पारदर्शिता रही है। अतिक्रमण मुहिम में भी पूरी पारदर्शिता के साथ कार्य शुरू हो गया है। 

260 अतिक्रमण चिन्हित 

आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अभी तक 260 अतिक्रमण चिह्नित कर लिए गए हैं जो सिंहस्थ 2016 के बाद पक्के निर्माण के रूप में सामने आए हैं।  इसके अलावा और भी सर्चिंग जारी है । 

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